न्यूज़ग्राम हिंदी: काकतीय मेडिकल कॉलेज(Kaktiya Medical College) में अपने सीनियर द्वारा कथित उत्पीड़न के कारण आत्महत्या करने वाली मेडिकल छात्रा धारावती प्रीति(Preeti) के परिवार ने सोमवार को दावा किया कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है और दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की है। वारंगल के काकतीय मेडिकल कॉलेज (KMC) में एनेस्थीसिया विभाग में स्नातकोत्तर (MD) के प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति ने कथित रूप से घातक इंजेक्शन लेने के पांच दिन बाद रविवार रात हैदराबाद के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।
26 वर्षीय छात्रा का अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर जनगांव जिले के गिरनी थांडा में किया गया।
हालांकि, प्रीति के परिवार ने मांग की कि अधिकारी इस बात का खुलासा करें कि 21 और 22 फरवरी की दरम्यानी रात को उसके साथ क्या हुआ था, जब वह वारंगल के एमजीएम अस्पताल में ड्यूटी पर थी।
उसके पिता नरेंद्र ने दावा किया कि प्रीति ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या की गई है। यह आरोप लगाते हुए कि किसी ने उनकी बेटी को घातक इंजेक्शन दिया। उन्होंने पुलिस से इस कोण से जांच करने की मांग की।
उन्होंने यह भी मांग की कि काकतीय मेडिकल कॉलेज (केएमसी) में एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख को निलंबित करने के बाद मामले की सिटिंग जज द्वारा जांच की जाए।
प्रीति की बहन पूजा ने कहा कि दोषियों को तुरंत फांसी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, उन्हें फांसी दी जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी और लड़की को इसका सामना न करना पड़े।
अंतिम संस्कार में कुछ राजनीतिक दलों, छात्र समूहों और आदिवासी संगठनों के नेताओं ने भाग लिया। मडिगा आरक्षण पोराटा समिति (एमआरपीएस) के नेता मांडा कृष्णा मडिगा भी उपस्थित थे।
प्रीति तीन बहनों में सबसे छोटी थी। नलगोंडा के कामिनेनी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पूरा करने के बाद, प्रीति ने केएमसी में पीजी की सीट हासिल की थी और उसकी कक्षाएं नवंबर में शुरू हुई थीं।
वारंगल पुलिस ने 24 फरवरी को प्रीति के सीनियर एम. ए. सैफ को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने कहा कि प्रीति को उसके वरिष्ठ द्वारा लक्षित उत्पीड़न ने उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित किया हो सकता है।
पुलिस के मुताबिक, सैफ एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसके बारे में अपमानजनक टिप्पणियां कर रहा था।
--आईएएनएस/VS