अयोध्या के संतों ने आखिरकार पवित्र शहर में लता मंगेशकर स्मृति चौक के निर्माण की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें आश्वासन दिया कि अन्य स्थानों और सड़कों का नाम प्रसिद्ध संतों के नाम पर रखा जाएगा।
सर्वशक्तिमान मणि राम दास छावनी पीठ सहित अयोध्या में द्रष्टा समुदाय ने नया घाट क्रॉसिंग का नाम लता मंगेशकर के नाम पर रखने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध किया था।
संत चाहते थे कि प्रसिद्ध क्रॉसिंग का नाम जगतगुरु रामानंदाचार्य के नाम पर रखा जाए।
योगी ने संतों को अयोध्या में प्रसिद्ध सड़कों का नाम जगतगुरु रामानंदाचार्य, गुरु विश्वामित्र, गुरु वशिष्ठ और अन्य हिंदू धार्मिक हस्तियों के नाम पर रखने का आश्वासन दिया है।
मणि राम दास छावनी पीठ के महंत कमल नयन दास ने कहा, "मुख्यमंत्री ने हमें अयोध्या में स्थानों और सड़कों का नाम हिंदू समुदाय के संतों और पूज्य संतों के नाम पर रखने का आश्वासन दिया है। इसलिए हम नया घाट चौराहे का नाम बदलने पर सहमत हुए हैं।"
कमल नयन दास महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी हैं, जो श्री राम जन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
राज्य सरकार के अनुसार, अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए जिन तीन प्रमुख सड़कों का चयन किया गया है, उनका नाम धार्मिक शख्सियतों के नाम पर रखा जाएगा। ये सड़कें राम जन्मभूमि तक जाएंगी।
विहिप के क्षेत्रीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, "मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को सुलझा लिया है। नया घाट क्रॉसिंग का नाम दिवंगत लता मंगेशकर के नाम पर रखा जाएगा। अन्य प्रमुख स्थानों और सड़कों का नाम बदलकर संत समुदाय की पूज्य धार्मिक हस्तियों के नाम पर रखा जाएगा।"
(आईएएनएस/AV)