Ganga Aarti: देश में प्रथम बार गंगा आरती की जिम्मेदारी अब महिलाओं को दी जा रही है। यहां का नया दुर्गा घाट पहला घाट होगा जहां महिलाएं मां गंगा की नियमित आरती उतारेगी। काशी विश्व मांगल्य सभा के काशी प्रकल्प की ओर से इसकी कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें अनाथ आश्रम में रहने वाली बालिकाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। काशी विश्व मांगल्य सभा के काशी प्रकल्प ने महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं को समर्थ बनाने की कार्ययोजना तैयार की है। इसमें महिलाओं को टूरिस्ट गाइड के साथ ही महिला अर्चक के रूप में भी तैयार किया जाएगा।
विश्व मांगल्य सभा काशी की प्रकल्प प्रमुख शिवांगी द्विवेदी ने सेवा कार्य के लिए हाईकोर्ट की प्रैक्टिस छोड़ दी है। वह वर्ष 2022 तक लखनऊ हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करती थीं। अब विश्व मांगल्य प्रकल्प के साथ जुड़कर महिला उत्थान के लिए काम करती हैं। दुर्गा घाट स्थित फड़नवीस बाड़ा का जीर्णोद्धार कर 200 कमरों की धर्मशाला बनवाया जायेगा, जो केवल महिलाओं के लिए ही होगा।
शिवांगी द्विवेदी ने बताया कि दो माह के अंदर ही प्रशिक्षण और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दुर्गाघाट पर नाना फड़नवीस के बाड़ा में भारतीय युद्धकला, नाव संचालन, गंगा आरती, टूरिस्ट गाइड सहित 24 से अधिक स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां महिलाएं अन्न क्षेत्र का संचालन भी करेंगी। यहां दो से ढाई हजार लोगों को प्रतिदिन भोजन कराया जाएगा। आरती के प्रशिक्षण के बाद महिलाओं का समूह नियमित रूप से दुर्गा घाट पर गंगा आरती करेगा।
विश्व मांगल्य प्रकल्प द्वारा ही दुर्गाघाट और पंचगंगा घाट के प्राचीन धरोहरों को संवारने का काम तीन फेज में पूरा किया जाएगा जिसमें से पहले चरण में धर्मशाला का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। विश्व मांगल्य सभा द्वारा पंचगंगा स्थित बिंदु माधव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इस मंदिर का शिखर काशी का सबसे ऊंचा शिखर होगा। जीर्णोद्धार के बाद पर्यटक आसानी से इस मंदिर तक पहुंच सकेगें, इससे जुड़ी पूरी योजना तैयार की जा रही है।