न्यूज़ग्राम हिंदी: यूपी में कुत्तों के प्रति क्रूरता की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। आगरा के टेढ़ी बगिया इलाके में एक कुत्ते और दो पिल्लों को गत्ते के डिब्बे में बंद कर एक पेट्रोल पंप के पास छोड़ दिया गया। एक राहगीर ने जब बॉक्स देखा और खोला तो पिल्ले कराह रहे थे और मादा कुत्ता बेहोश थी।
राहगीर ने एक एनजीओ कैस्पर होम को इसकी जानकारी दी, जो कुत्ते को पशु चिकित्सक के पास ले गया। पशु चिकित्सक ने कहा कि बॉक्स में छोड़ने से पहले कुत्ते को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया गया था।
पशु चिकित्सक डॉ. दिलीप कुमार ने कहा कि संभवत: एनेस्थीसिया के ओवरडोज के कारण कुत्ते की हालत नाजुक है। दोनों पिल्लों की देखभाल एनजीओ के शेल्टर होम में की जा रही है।
कैस्पर होम के विनीत अरोड़ा ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि मालिक मादा कुत्ते और उसके पिल्लों की देखभाल नहीं करना चाहता था, लेकिन उन्हें सीलबंद डिब्बे में सड़क के किनारे फेंकना बिल्कुल अमानवीय है।
इस बीच, पड़ोसी मथुरा जिले में जानवरों के प्रति क्रूरता की एक और घटना में युवक ने एक आवारा कुत्ते पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। बताया जा रहा है कि शख्स कुत्ते के भौंकने से परेशान था।
घटना मथुरा के सदर बाजार इलाके की है।
हालांकि दूधवाले मुकेश कुमार ने जैकेट से आग बुझाकर कुत्ते को बचा लिया। वह कुत्ते को स्थानीय पशु चिकित्सक के पास भी ले गए और आवश्यक उपचार सुनिश्चित किया।
बाद में, उन्होंने एक स्थानीय निवासी रवींद्र भारद्वाज के साथ मिलकर अपराधी देवेश अग्रवाल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
सदर के एसएचओ अजय किशोर ने कहा, आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसएचओ ने कहा, आरोपी से शुरूआती पूछताछ में पता चला है कि वह मादा कुत्ते से नाराज था, जिसने हाल ही में पड़ोस में पिल्लों को जन्म दिया था। उसने दावा किया कि वह अक्सर उस पर भौंकता था और एक बार उस पर हमला भी किया था। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
दूधवाले मुकेश कुमार ने कहा, कुत्ते की हालत गंभीर है और उसे पूरी तरह से ठीक होने में समय लगेगा। हम पिल्लों की देखभाल कर रहे हैं।
--आईएएनएस/VS