न्यूज़ग्राम हिंदी: देश भर से लगभग 1,900 मछली प्रजातियों के संग्रह के साथ राष्ट्रीय मछली संग्रहालय और रिपॉजिटरी शुक्रवार को लखनऊ में खुलेगा। संग्रहालय आईसीएआर-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएफजीआर) के तेलीबाग में 52 एकड़ के परिसर में बन रहा है, जिसका उद्घाटन शुक्रवार को आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक करेंगे।
संस्थान के अनुसार, यह राज्य का पहला ऐसा मछली संग्रहालय और भंडार है जिसमें संरक्षित मछलियों का सबसे बड़ा संग्रह है।
संस्थान के परिसर में पहले से ही 'गंगा एक्वेरियम' नामक एक लाइव फिश एक्वेरियम है, और फिश सेल लाइन्स का एक राष्ट्रीय भंडार है, जो 81 सेल लाइन एक्सेस के साथ दुनिया का सबसे बड़ा फिश सेल लाइन का संग्रह है।
एनबीएफजीआर के निदेशक ने कहा, नव विकसित संग्रहालय छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों और आम जनता के अनुसंधान और शिक्षा के लिए मीठे पानी, समुद्री और खारे पानी के वातावरण के फिनफिश और शेलफिश वाउचर नमूनों को प्रदर्शित करेगा।
संग्रहालय की आधारशिला डॉ. एस. अय्यप्पन, तत्कालीन डी-जी आईसीएआर, नई दिल्ली द्वारा 2012 में रखी गई थी।
तब से, एनबीएफजीआर ने वाउचर, टिश्यू, डीएनए, बैक्टीरिया, सेल लाइन, फिश मिल्ट आदि जैसे विभिन्न संग्रहों को एकीकृत करने का प्रयास किया है और हितधारकों के लाभ के लिए व्यापक प्रसार सुनिश्चित करने के लिए शोधकर्ताओं को मूल्यवान पहुंच प्रदान की है।
संग्रहालय में भारत में पाई जाने वाली 1,200 फिनफिश मछली प्रजातियों और 250 घोंघे प्रजातियों के नमूने रखे गए हैं और इसमें वाणिज्यिक/प्राथमिकता वाली मछली प्रजातियों से संबंधित 19,000 ऊतक अभिगमन हैं जो आनुवंशिक जानकारी की पुनप्र्राप्ति में उपयोगी हैं।
रिपॉजिटरी में 31 मछली प्रजातियों के क्रायो-संरक्षित मछली के शुक्राणु भी हैं जिनका उपयोग लुप्तप्राय प्रजातियों या मछलियों के कृत्रिम प्रजनन को पुन: प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
--आईएएनएस/VS