Ram Janmotsav : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब अयोध्या में रामजन्मोत्सव की तैयारी शुरू हो गई है, 500 साल बाद अयोध्या राम मंदिर में रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा इसलिए इस बार रामजन्मोत्सव और भी खास होने वाला है। मंगलवार से ही रामनगरी के आठ हजार मठ-मंदिरों में बधाई गान और विभिन्न अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि रामजन्मोत्सव के पावन मौके पर रामलला चैत्र प्रतिपदा से रामनवमी तक खादी से निर्मित विशेष वस्त्र धारण करेंगे। मशहूर डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने बताया कि रामलला के विशेष खादी कॉटन से वस्त्र तैयार किए गए हैं। इन पर सोने और चांदी की हस्त-छपाई की गई है।
रामनगरी के हजारों मंदिरों में कथा, प्रवचन, अनुष्ठान आदि का शुभारंभ मंगलवार से ही हो जाएगा। हिंदू धाम में पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती रामकथा का प्रवचन करेंगे। वे यहां पिछले 18 वर्षों से रामनवमी पर रामकथा का प्रवचन करते आ रहे हैं। इसी तरह कनकभवन, हनुमानबाग, सियाराम किला, श्रीरामबल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला सहित अन्य मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठानों का शुभारंभ होगा।
भक्तों की सेवा में श्रीरामजन्मभूमि पथ पर 600 मीटर में जर्मन हैंगर लगाया जा रहा है। तेज धूप में श्रद्धालुओं के पांव न जलें इसलिए रामजन्मभूमि पथ से लेकर रामजन्मभूमि परिसर तक जूट की कारपेट बिछाई जा रही है। इसके साथ ही 50 से ज्यादा स्थानों पर पीने का पानी और ओआरएस पाउडर का प्रबंध किया जा रहा है।
17 को रामनवमी का मुख्य पर्व रामजन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन अयोध्या पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करवाया जाएगा तथा राममंदिर परिसर की विदेशी प्रजाति के एंथोनियम, निलयम, कारनेशन, आर्केट, जरवेरा, गेंदा, गुलाब, बेला आदि फूलों से भव्य सजावट की जाएगी। रामनवमी के मौके पर राममंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आ सकते हैं लेकिन जो भक्त राममंदिर नहीं पहुंच पाएंगे, उनके लिए प्रसार भारती कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करेगी। शहर में सौ से ज्यादा एलईडी टीवी लगाई जा रही हैं। लाइव प्रसारण के माध्यम से घर बैठे ही भक्तजन रामलला के जन्मोत्सव के साक्षी बन सकेंगे।