उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक बाघ ने 50 वर्षीय किसान को मार डाला और उसके शरीर का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा खा लिया। उसके अवशेष गन्ने के खेतों में पाए गए। मृतक किसान की पहचान लालता प्रसाद के रूप में हुई है।
घटना तब हुई जब लालता और उसका भाई कैलाश चंद्र काम करने के लिए खेत में गए थे। लेकिन कैलाश कुछ उपकरण लेने के लिए घर लौट आया और लालता को अकेला छोड़ दिया।
जब कैलाश वापस लौटा तो उसे अपना भाई नहीं मिला।
कैलाश ने कहा, "जब मैंने मिट्टी पर बाघ के पगमार्क देखे, तो मैंने मदद के लिए फोन किया, तो साथी ग्रामीण मौके पर पहुंचे।"
“अगले दिन, हमें बगल के गन्ने के खेत में आंशिक रूप से खाया हुआ एक पैर और एक पैर का हिस्सा मिला। बाद में, हमें 250 मीटर दूर स्थित एक अन्य गन्ने के खेत में सिर, श्वासनली और दाहिने हाथ को छोड़कर, शरीर के बाकी आधे खाए हुए हिस्से मिले।"
पूरनपुर सर्कल के रेंज अधिकारी कपिल कुमार ने कहा कि यह स्थल पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के माला वन रेंज से लगभग 1.5 किमी दूर है।
घटना से आक्रोशित लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया। स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) अचल कुमार और कालीनगर सर्कल के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट लोगों को शांत करने के लिए मौकेे पर पहुंचे।
जीवविज्ञानी ज़िब्रान अली के नेतृत्व में भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट की एक टीम ने पीटीआर के प्रभागीय वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल के निर्देश पर हमले स्थल के चारों ओर 10 कैमरा ट्रैप लगाए।
इसके अतिरिक्त, बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पीटीआर और वन एवं वन्यजीव प्रभाग की फील्ड वन टीमों को तैनात किया गया है।
अली ने कहा, पगमार्क से पता चलता है कि यह एक नर वयस्क बाघ था।
डीएफओ ने कहा, "मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।" (IANS/PS)