नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर में ब्लास्ट के बाद निकलने वाले मलबे को साफ कर फिर से पार्क बनाया जायेगा। एमराल्ड का जो नक्शा नोएडा प्राधिकरण ने पास किया था, उसमें दोनों टावर के स्थान पर ग्रीनरी को दिखाया गया है। ये तय किया गया है कि टावर गिरने के बाद फिर से वहां पार्क बनाया जायेगा। ट्विन टावर देश का सबसे ऊंचा टावर है, जिसे गिराया जाएगा। इससे पहले विदेशों में कई और ऊंचे टावर गिराए जा चुके हैं।
इसके पहले न्यूयार्क की सिंगर बिल्डिंग, जो 187 मीटर ऊंची थी जिसमें 47 मंजिलें थीं, गिरा दी गई। जोहान्सगर्ब की 108 मीटर ऊंची इमारत को भी ध्वस्त किया गया था। ट्विन टावर को ध्वस्त करने के बाद करीब 60 हजार टन मलबा निकलेगा। इसमें 4 हजार टन सरिया और स्टील होगी, जिसे अलग किया जाएगा। यह करीब 30 हजार टन बेसमेंट को भरने में प्रयोग होगा। शेष 30 हजार टन के आस-पास मलबे का निस्तारण किया जाएगा।
प्रशासन द्वारा ये फैसला लिया गया है कि सेक्टर-80 में प्राधिकरण का सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट है। इसकी क्षमता रोजाना की 3 सौ मीट्रिक टन की है। यहां डंपर से मलबे को लाकर निस्तारित कराया जाएगा। इससे यहां रि-साइकिल कर सीमेंट और टाइल्स बनाई जाएंगी। दोनों ही तरीकों से करीब 20 डंपर रोजाना मलबे को लेकर जाएंगे। बताया गया कि प्राधिकरण ने सीएंडडी वेस्ट प्लांट को लेकर हरी झंडी दी है।
(आईएएनएस/AV)