न्यूजग्राम हिंदी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की जेलों को अब 'सुधार गृह (Sudhar Grah)' के रूप में जाना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को नया कारागार अधिनियम (New Prison Act) तैयार करने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने अधिकारियों से जेल सुधार के तहत राज्य में खुली जेल स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा। योगी ने कहा कि खूंखार अपराधियों और आतंकियों के लिए हाई सिक्योरिटी बैरक बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, जेल अधिनियम 1894 का उद्देश्य अपराधियों को अनुशासित तरीके से हिरासत में रखना है, लेकिन हमें सुधार और पुनर्वास पर ध्यान देना होगा। ऐसे में भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें नए अधिनियम को लागू करने की आवश्यकता है।
राज्य कैबिनेट ने हाल ही में एक नए जेल मैनुअल को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि जेलों में 4,200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
ड्रोन कैमरों को वीडियो वॉल के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए और निगरानी की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में आदर्श कारागार अधिनियम 2023 तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा, कैदियों के सुधार और पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए यह मॉडल अधिनियम बहुत उपयोगी है।
उन्होंने कहा, 'ओपन जेल (Open Jail)' की स्थापना लाभकारी साबित हो सकती है। वर्तमान में लखनऊ (Lucknow) में सेमी ओपन जेल संचालित है, ओपन जेल की स्थापना के लिए औपचारिक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।'
हमें जेलों को 'सुधार गृहों' के रूप में स्थापित करना होगा। इसके लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएं। बंदियों की सुरक्षा का आकलन, शिकायत निवारण, कारागार विकास बोर्ड, बंदियों के प्रति व्यवहार में परिवर्तन और महिला बंदियों एवं ट्रांसजेंडरों के लिए पृथक आवास की व्यवस्था जैसी व्यवस्थाएं लागू की जाएं।
योगी ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जेलों में मोबाइल फोन जैसे प्रतिबंधित सामान के इस्तेमाल पर सख्त से सख्त सजा के प्रावधान को लागू किया जाए।
--आईएएनएस/PT