न्यूज़ग्राम हिंदी: उत्तर प्रदेश के राजधानी में स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (RMLNLU) अब राज्य के सभी 75 जिलों में लोगों को डिजिटल मानवाधिकारों के बारे में जागरूक करेगा। आरएमएलएनएलयू के शिक्षक और रिसर्च की एक टीम लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता से जुड़े 'डिजिटल अधिकारों' के बारे में जागरूक करेगी।
उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग (UPHRC) ने RMLNLU को 'उत्तर प्रदेश राज्य में डिजिटल मानवाधिकारों के मुद्दों और चुनौतियों का अध्ययन' टाइटल से एक प्रोजेक्ट दिया है।
यह प्रोजेक्ट आरएमएलएनएलयू के फैकल्टी अमन दीप सिंह और विकास भाटी और दो रिसर्च स्कॉलर ऋषि शुक्ला और आयुष वर्मा की देखरेख में चलाया जा रहा है।
एक बार अध्ययन पूरा हो जाने के बाद, उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग को एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, जिसका उपयोग डिजिटल युग में मानवाधिकारों के बदलते आयामों के संबंध में नीति-निर्माण के लिए किया जा सकता है।
अमन दीप सिंह ने कहा, डिजिटल मानवाधिकारों का विचार और अवधारणा को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। यह इंटरनेट युग के मानवाधिकारों का विस्तार है। ऐसे अधिकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता से जुड़े हैं, जो लोगों को डिजिटल मीडिया तक पहुंचने, उपयोग करने, बनाने और प्रकाशित करने के साथ-साथ कंप्यूटर, अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और संचार नेटवर्क तक पहुंच और उपयोग करने की अनुमति देता है।
--आईएएनएस/VS