उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लगभग 58,000 गांवों को म्यूजिक किट (Music Kit) प्रदान की जाएंगी, जिसमें लोक संगीत की परंपरा को जीवित रखने के प्रयास में ढोल, झांझ, हारमोनियम जैसे वाद्ययंत्र शामिल होंगे।
राज्य के संस्कृति और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह (Jaiveer Singh) के अनुसार, विचार है कि ग्रामीणों को पंचायत घरों में 'बिरहा', 'आल्हा' और 'भजन' गाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और गांवों में आपसी भाईचारे और सद्भाव को बढ़ावा दिया जाए।
मंत्री ने कहा, "Uttar Pradesh में लोक कलाओं की एक विशाल विरासत है लेकिन इनमें से कुछ कलाएं विलुप्त होने के कगार पर हैं। राज्य सरकार ने लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। यह उन्हें विभिन्न जिलों में पंजीकृत करेगी और उन्हें अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर दिया जाएगा।"
सिंह ने यह भी कहा कि भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, जल्द ही विभिन्न कार्यक्रमों के शुभारंभ के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी करेगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कथक संस्थान, राज्य ललित कला अकादमी, भारतेंदु नाट्य अकादमी, संगीत अकादमी, जैन अनुसंधान संस्थान को भी सक्रिय किया जाएगा।
मंत्री ने कहा, "आजादी का अमृत महोत्सव' (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के अवसर पर संस्कृति विभाग ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के गांवों की पहचान की है। लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे में जागरूक किया जाएगा।"
(आईएएनएस/PS)