दिल्ली की हवा जहरीली हुई तो वहीं गोरखपुर की हवा हो गई है शुद्ध जाने कैसे मिली सफलता

वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूशन की रिपोर्ट में शुद्ध हवा वाले शहरों में गोरखपुर महानगर सातवें स्थान पर आ गया है। डब्लू आर आई ने पार्टिकुलर मैटर 2.5 का स्टार 24.83 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया है|
गोरखपुर:- हम सब जानते हैं कि ठंड का मौसम शुरू होते ही भारत के कई शहरों में हवा का रुख बदलने लगता है।[Wikimedia Commons]
गोरखपुर:- हम सब जानते हैं कि ठंड का मौसम शुरू होते ही भारत के कई शहरों में हवा का रुख बदलने लगता है।[Wikimedia Commons]
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हम सब जानते हैं कि ठंड का मौसम शुरू होते ही भारत के कई शहरों में हवा का रुख बदलने लगता है। दिल्ली मुंबई जैसे राज्यों में तो हवा जहरीली होने लगती है। लेकिन इन जहरीले हवाओं के बीच 5 वर्ष तक लगातार वायु गुणवत्ता में खराब स्थिति के बाद गोरखपुर महानगर अब नॉन अटेनमेंट शहर की श्रेणी से धीरे-धीरे बाहर आ रहा है। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूशन की रिपोर्ट में शुद्ध हवा वाले शहरों में गोरखपुर महानगर सातवें स्थान पर आ गया है। डब्लू आर आई ने पार्टिकुलर मैटर 2.5 का स्टार 24.83 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पीएम 2.2 अधिकतम 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर बताया।

गोरखपुर अब नॉन अटेनमेंट शहर की श्रेणी में

नॉन अटेनमेंट श्रेणी में शामिल होने के बाद केंद्र सरकार ने गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में शामिल किया इसके तहत विभिन्न सुधार कार्यों के लिए नगर निगम को तकरीबन 69 करोड रुपए मिले। इन रूपों से वायु गुणवत्ता में सुधार से जुड़े कार्य किया जा रहे हैं। इसके तहत सड़क की पुत्री पर इंटरलॉकिंग जगह-जगह पौधारोपण मियां बाकी वन मशीन से पौधे और सड़क पर पानी का छिड़काव सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कूड़े को वाहनों से एकल बंद तक ले जाने के दौरान ढकने की व्यवस्था की गई है।

नॉन अटेनमेंट श्रेणी में शामिल होने के बाद केंद्र सरकार ने गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में शामिल किया[Wikimedia Commons]
नॉन अटेनमेंट श्रेणी में शामिल होने के बाद केंद्र सरकार ने गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में शामिल किया[Wikimedia Commons]

निर्माण के दौरान निकलने वाले मलबे को निस्तारित करने के लिए महेश्वर में प्लांट स्थापित हो रहा है धूल कम उड़ने से धूल के छोटे कार्ड कम उड़ रहे हैं इससे पीएम 2.5 का स्तर कम हुआ है।

डब्लू आर आई की रिर्पोट

डब्ल्यू आर ए की रिपोर्ट में साल के 365 दिन में 340 दिन गोरखपुर की वायु गुणवत्ता अच्छी रही। सीपीसीबी की रिपोर्ट को भारत सरकार को भेजा गया और सुधार के लिए नगर निगम के अधिकारियों से बात करने का आह्वान भी किया गया।

डब्ल्यू आर ए की रिपोर्ट में साल के 365 दिन में 340 दिन गोरखपुर की वायु गुणवत्ता अच्छी रही। [Wikimedia Commons]
डब्ल्यू आर ए की रिपोर्ट में साल के 365 दिन में 340 दिन गोरखपुर की वायु गुणवत्ता अच्छी रही। [Wikimedia Commons]

महानगर की वायु शुद्ध हुई है इसके लिए नगर निगम लगातार काम कर रहा है। डब्लू आर आई में से दो विशेषज्ञ भी शामिल है यह वायु गुणवत्ता में और सुधार के लिए सुझाव देंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह नगर निगम की बड़ी उपलब्धि है।

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