दीपोत्सव पर दियों से जगमगा उठेगी राम की भूमि

लाइट एंड साउंड शो के आयोजन की जिम्मेदारी सरकारी एजेंसी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड को दी गई है इसके लिए लगभग 65 फीट ऊंचाई के दो स्टील कलम खड़े किए जाएंगे और बीच में एक परदा लगाया जाएगा।
दीपोत्सव:- राम की भूमि यानी अयोध्या को फिर से दीपों से सजाने का वक्त आ गया हैं।[Wikimedia Commons]
दीपोत्सव:- राम की भूमि यानी अयोध्या को फिर से दीपों से सजाने का वक्त आ गया हैं।[Wikimedia Commons]

दीपोत्सव:- राम की भूमि यानी अयोध्या को फिर से दीपों से सजाने का वक्त आ गया हैं। राम की जन्मभूमि पर हर साल की तरह इस साल भी दीपोत्सव के मौके पर दीप से सजाया जाएगा। दीपोत्सव के तहत राम की पौड़ी पर 11 नवंबर को 24 लाख दिए जलाए जायेंगे। दीपावली की पूर्व संध्या से यहां लाइट एंड साउंड शो का आयोजन भी होगा। तो चलिए आज आपको बताते हैं की अयोध्या की जन्मभूमि को कैसे सजाया जाएंगा, और किन प्रोग्राम्स को आयोजित किया जाएगा।

11 नवंबर को कैसे सजेगी अयोध्या भूमि

जिलाधिकारी नीतीश कुमार के अनुसार आगामी 11 नवंबर को सरयू नदी के तट पर राम की पौड़ी पर 24 लाख दीपक जलाए जाएंगे 11 नवंबर से राम की पौड़ी पर रोजाना एक भव्य लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित किया जाएगा हर दिन 2 शो होंगे। लाइट एंड साउंड शो के आयोजन की जिम्मेदारी सरकारी एजेंसी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड को दी गई है|

लाइट एंड साउंड शो के आयोजन की जिम्मेदारी सरकारी एजेंसी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड को दी गई है|[Wikimedia Commons]
लाइट एंड साउंड शो के आयोजन की जिम्मेदारी सरकारी एजेंसी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड को दी गई है|[Wikimedia Commons]Aman Agrahari

इसके लिए लगभग 65 फीट ऊंचाई के दो स्टील कलम खड़े किए जाएंगे और बीच में एक परदा लगाया जाएगा। कुमार ने बताया कि राम की पौड़ी में करीब 20 करोड रुपए की लागत से लाइट एंड साउंड शो आयोजित किया जाएगा इस शो में सरयू आरती के बाद रामायण पर आधारित फिल्में दिखाई जाएगी। लाइट एंड साउंड शो का यह कार्यक्रम शाम को 2 घंटे के लिए आयोजित किया जाएगा यह सभी के लिए निशुल्क होगा।

कब हुआ था दीपोत्सव का कार्यक्रम

अयोध्या में दीपोत्सव की परंपरा वर्ष 2017 से शुरू हुई थी, जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थीं।

अयोध्या में दीपोत्सव की परंपरा वर्ष 2017 से शुरू हुई थी, जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थीं।[Wikimedia Commons]
अयोध्या में दीपोत्सव की परंपरा वर्ष 2017 से शुरू हुई थी, जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी थीं।[Wikimedia Commons]Aman Agrahari

उसे साल 51000 दीपू से शुरुआत करके 2019 में यह संख्या 4.10 लाख और 2020 में 6 लाख से भी अधिक 2021 में 9 लाख की कृति मानी स्तर से अधिक हो गई। इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया था। वर्ष 2022 में राम की पैड़ी के घाटों पर 17 लाख से अधिक दिए जलाए गए। लेकिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने केवल उन दीपों को ही जीना जो 5 मिनट या उससे अधिक समय तक जलती रहे इस तरह 15. 76 दियों का रिकॉर्ड बना, अक्टूबर में हुए पिछले दीपोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे।

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