न्यूजग्राम हिंदी: उत्तराखंड (Uttarakhand) की खूबसूरती और प्रकृति सौंदर्य जहां लोगों का मन मोह लेती है, वहीं दूसरी ओर यहां की शिक्षा के स्तर से भी लोग अनजान नहीं है। आईआईटी, आईआईएम, और एफआरआई जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थान प्रदेश में स्थित हैं जिसने देश को कई बेहतरीन अधिकारी दिए हैं। प्रदेश सरकार जहां शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की लगातार कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ही सरकार की कोशिशों को पलीता लगा रहा है। यहां शिक्षा विभाग के हर दिन नए नए कारनामे भी सामने आ रहे हैं।
इन दिनों उत्तराखंड बोर्ड (Uttarakhand board) की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में बिना किसी पूर्व तैयारी के समस्त शिक्षकों और कर्मचारियों के अटैचमेंट खत्म कर दिए गए हैं। यदि जल्द कोई व्यवस्था न की गई तो इससे 600 से ज्यादा स्कूलों में ताला लटक सकता है।
इस मामले पर शिक्षा निदेशक वंदना का कहना है शिक्षा सत्र समाप्ति पर है। अभी शिक्षकों के तबादले नहीं किए जा सकते और न ही तत्काल नियुक्ति की जा सकती है। इधर-उधर से शिक्षकों की व्यवस्था कर जिन स्कूलों को चलाया जा रहा है, उन स्कूलों से शिक्षकों को नहीं हटाया जाना चाहिए। शासन को इस स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
आपको बता दें कि हरिद्वार जिले के खानपुर ब्लॉक के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पौड़ो वाली में एक शिक्षक और 116 छात्र-छात्राएं हैं, लेकिन स्कूल में संबद्ध शिक्षक की संबद्धता खत्म कर दी गई है। इसी जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय माडावेला में 135 छात्र-छात्राएं हैं जबकि खानपुर ब्लॉक जिला हरिद्वार के उच्च प्राथमिक विद्यालय जोगावाला में 106 छात्र-छात्राएं हैं। इन दोनों स्कूलों में इधर-उधर से संबद्ध शिक्षकों की संबद्धता खत्म होने से स्कूल शिक्षक विहीन हो रहे हैं। पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ आदि जिलों के स्कूलों का भी कुछ यही हाल है।
इतना ही नहीं इसके अलावा 332 कर्मचारियों की संबद्धता समाप्त होने से विभिन्न जिलों में सीईओ, बीईओ कार्यालय एवं शिक्षा निदेशालय में कामकाज प्रभावित हो रहा है।
शिक्षा विभाग में उप शिक्षा अधिकारी के पास बीआरपी का चार्ज है, लेकिन इस काम को उप शिक्षा अधिकारी खुद देखने के बजाए दफ्तरो में अटैच शिक्षकों से इस काम को ले रहे हैं। जिससे इन शिक्षकों के मूल स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इन्हीं शिक्षकों के लिए अटैचमेंट खत्म करने का आदेश किया गया, लेकिन ये शिक्षक अब भी दफ्तरों में जमे हैं। इन शिक्षकों पर इस आदेश का कोई असर नहीं हुआ।
--आईएएनएस/PT