Gunji Police Station: ये तो सब जानते हैं कि उत्तराखंड अपनी खुबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है लेकिन आज हम आपको यहां की वादियों के बारे में नहीं बल्कि 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक ऐसे थाना के बारे में बताएंगे, जो साल भर में सिर्फ 5 महीने ही खुलता है। यहां अपराधिक मामले भी शून्य ही है। इसलिए यह जगह उत्तराखंड की सबसे सुरक्षित जगह भी मानी जाती है। दरअसल, आज हम बात कर रहे हैं पिथौरागढ़ में पड़ने वाले भारतीय सीमा के अंतिम थाने गुंजी की। आपको बता दें यहां सात साल में केवल पांच मामले दर्ज हुए हैं।
भारत-चीन सीमा के अंतिम गांवों के लोगों के बीच ऐसा भाईचारा और सामाजिक जिम्मेदारियों का भाव है कि पुलिस थाने में कोई मामला दर्ज ही नहीं होता है। इस थाने में अभी तक सिर्फ एमवी एक्ट के मुकदमे ही हुए हैं, इसके अलावा चोरी, हत्या, मारपीट, धोखाधड़ी जैसे अपराध अभी तक नहीं देखे गए।
यह थाना पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील मुख्यालय से करीब 72 किलोमीटर दूर स्थित है। साल में केवल पांच महीने चलने वाले गुंजी थाने के अंतर्गत 10 से ज्यादा गांव आते हैं। इनमें करीब 4 हजार की आबादी रहती है। यहां के लोग सर्दियों में निचले इलाकों में रहने आ जाते हैं।
पिथौरागढ़ की पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने बताया कि गुंजी में अब आदि कैलाश यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखकर यहां थाने का विस्तार किया जा रहा है। लेकिन खराब मौसम, बिजली और संचार की व्यवस्था न होने के कारण यहां थाने का संचालन करना मुश्किल होता है। इसके बावजूद भी पुलिस के जवान यहां 5 महीने कानून व्यवस्था को बनाए रखते हैं।
गुंजी थाना सीमांत में पुलिस विभाग का सबसे अधिक ऊंचाई पर संचालित होने वाला थाना है। यह समुद्र तल से करीब 10498 फीट की ऊंचाई पर बसे गुंजी में सीजनल थाने का संचालन वर्षों पूर्व कैलाश मानसरोवर यात्रा को देखते हुए शुरू हुआ। थाना हर साल जून से अक्टूबर तक संचालित होता है। यह थाना उत्तराखंड की सबसे कठिन जगह पर बना हुआ है, जो इसे सबसे अनोखा बनाता है।