Kasar Devi Temple : धरती पर तीन जगहें ऐसी पाई गई हैं जहां गुरुत्वाकर्षण बल सबसे ज्यादा है। इन तीनों जगहों को चुंबकीय शक्ति का केंद्र माना जाता है। आपको जानकर खुशी होगी कि इन तीन जगहों में से एक जगह भारत में स्थित है, जहां का कॉस्मिक एनर्जी देख नासा हैरान रह गया। इस जगह को नासा ने धरती का विशाल भू-चुंबकीय पिंड बताया है। ये चुंबकीय पिंड उत्तराखंड के अल्मोड़ा में पाया गया।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जब अल्मोड़ा जिले में कसार पर्वत पर शोध किया तो खुलासा हुआ कि कसार देवी मंदिर के आसपास का पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट का हिस्सा है। जब इस रिसर्च को आगे बढ़ाया गया तो नासा भी कसार पर्वत की जबरदस्त कॉस्मिक एनर्जी देखकर हैरान रह गया।
नासा के शोध के अनुसार, कसार पर्वत की धरती में विशाल भू-चुबकीय पिंड हैं। यही कारण है कि इस क्षेत्र में गुरुत्वाकर्षण बल बाकी जगहों के मुकाबले काफी ज्यादा है। नासा ने काफी समय तक कसार पर्वत पर वैन एलेन बेल्ट बनने की कारणों को जानने के लिए भी रिसर्च की। बता दें कि उत्तराखंड के कसार देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र के अलावा दक्षिण अमेरिका के पेरू में माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में काफी समानताएं हैं। इन तीनों ही जगहों पर खास चुंबकीय शक्ति पाई गई है। इन जगहों के बारे में बताया जाता है कि इन तीनों ही जगहों पर यदि आप ध्यान करते हैं तो आपको विशेष शांति का अनुभव होता है।
1948 में कसार देवी के मौजूदा मंदिर को बिड़ला परिवार द्वारा बनवाया गया था। यहां 1950 के दशक में बनाया गया शिवमंदिर भी मौजूद है। कहा जाता है कि यहां स्वामी विवेकानंद भी आए थे। जिन्होंने यहां की एकांत गुफा में गहन अध्ययन किया था। उनके अलावा पश्चिमी देशों के कई साधक भी यहां आ चुके हैं।