Uttarakhand fire fighting : नैनीताल के जंगल में लगे भीषण आग पर काबू पाने के लिए लगातार कोशिश जारी है। इस भीषण आग को बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर्स की मदद ली जा रही है। इनकी मदद से कई इलाकों में आग पर काबू पा लिया गया है। भारतीय वायु सेना के अनुसार, आग की लपटों को बुझाने के लिए नैनीताल और आसपास के इलाकों में एक एमआई -17 वी 5 हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है। आपको बता दें कि हेलिकॉप्टर इस काम में काफी बड़ी बंबी बाल्टी का इस्तेमाल करते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी बंबी बाल्टी से जुड़ी बातें बताएंगे, जिसकी सहायता से आग को कंट्रोल किया जाता है।
वायु सेना के पास इस काम के लिए खास तौर पर दो एमआई हेलिकॉप्टर हैं। आकार में एमआई हेलिकॉप्टर सबसे बड़े होते हैं। वो बड़े पैमाने पर भारी सामानों को ढोने का काम भी करने में सक्षम होते हैं। आग बुझाने वाले एमआई-17वी एम हेलिकॉप्टर में पानी स्प्रे करने का उपकरण लगा होता है। इसके साथ ही इसमें एक बंबी बकेट होती है। इस बकेट की क्षमता 5000 लीटर टैंक की बताई गई है।
जंगल की आग के मामले में हेलिकॉप्टर टीमों और उपकरणों को भी मौके तक पहुंचाने में मददगार होते हैं। आग आगे न फैले इसके बचाव के लिए सबसे ज़्यादा उपयोगी हेलिकॉप्टर को ही माना जाता है। आग पर ये हेलिकॉप्टर पानी की बौछार करते हुए आग को आगे बढ़ने से रोकते हैं।
बंबी बकेट एक विशेष हवाई अग्निशमन उपकरण है जिसका उपयोग 1980 के दशक से किया जा रहा है। आमतौर पर यह एक हल्का खुलने वाला कंटेनर है जो हेलीकॉप्टर के नीचे से पानी छोड़ता है। इसके साथ ही पायलट-नियंत्रित वाल्व का उपयोग करके पानी गिराते हैं।
इसकी सबसे खास विशेषता ये है कि इसे जल्दी और आसानी से भरा जा सकता है। बंबी बाल्टी को झीलों और स्विमिंग पूल सहित विभिन्न स्रोतों से भरा जा सकता है। बंबी बाल्टी विभिन्न आकारों और मॉडलों में उपलब्ध है, जिसकी क्षमता 270 लीटर से लेकर 9,840 लीटर से भी अधिक हो सकती है।