नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखंड

एनईपी 2020, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विजन के अनुरूप, शिक्षा के एक समग्र और बहु-संकाय से जुड़े दृष्टिकोण को प्रोत्साहन देता है।
नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखंड
नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखंडWikimedia

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उत्तराखंड (Uttarakhand) देश में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) सबसे पहले लागू करने वाला राज्य बन गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) और राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Dr. Dhan Singh Rawat) भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि महज दो दिन पहले ही शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत सरकार ने पूर्वी एशियाई देशों के साथ नई शिक्षा नीति की प्रमुख पहलों पर चर्चा की है। भारत ने शुक्रवार को वियतनाम के हनोई में आयोजित छठे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन - शिक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) नीता प्रसाद ने वर्चुअल तौर पर बैठक को संबोधित किया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रमुख पहलों तथा ईएएस के भागीदार देशों के साथ शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भारत के परस्पर सहयोग आधारित प्रयासों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि एनईपी 2020, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विजन के अनुरूप, शिक्षा के एक समग्र और बहु-संकाय से जुड़े दृष्टिकोण को प्रोत्साहन देता है और यह पहुंच, समानता, गुणवत्ता, किफायती और जवाबदेही के मूलभूत स्तंभों पर आधारित है और एसडीजी 2030 के लक्ष्यों के साथ संतुलन स्थापित करता है।

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उधर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए उत्तराखंड सरकार को बधाई दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को 03 साल से फॉर्मल एजुकेशन से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत बाल वाटिका (Bal Vatika) शुरू की गई है, बाल वाटिका में 3 साल सीखने के बाद बच्चा पहली कक्षा में प्रवेश करेगा, तब उसकी उम्र 6 साल होगी। बच्चों को 21-22 साल की उम्र तक बेहतर एवं गुणात्मक शिक्षा के लिए उत्तराखंड में 40 लाख बच्चों का टारगेट लेकर आगे बढ़ना होगा। स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकि शिक्षा,मेडिकल, पैरामेडिकल एवं अन्य को मिलाकर 35 लाख की व्यवस्था उत्तराखंड के पास पहले से ही है।

इससे पहले बीते दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने CBSE से आग्रह किया कि देशभर में बालवाटिका से लेकर 12वीं कक्षा तक सभी स्कूलों में मूल्य-आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए एक परामर्श ढांचा स्थापित करें, ताकि एक ऐसा टैलेंट पूल तैयार किया जा सके, जो जीवन की चुनौतियों का सामना करने को तैयार हो और राष्ट्रीय प्रगति व वैश्विक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हो।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामीWikimedia

बीते दिनों रामकृष्ण मिशन के एक कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा था कि ऐसे वक्त में जब हम एनईपी 2020 को लागू कर रहे हैं, तब कक्षा एक से 8वीं तक के लिए कार्यक्रम बनाने के अलावा इसे 9वीं से 12वीं के लिए ऐसे ही मूल्य-आधारित शैक्षिक कार्यक्रम बनाने पर भी जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये अनूठी पहल एनईपी 2020 के दर्शन के अनुरूप एक बच्चे के समग्र व्यक्तित्व विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।

उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन शिक्षा के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। भौतिक धन से ज्यादा महत्वपूर्ण मूल्य और ज्ञान हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए तैयार और सामाजिक रूप से जागरूक पीढ़ी के निर्माण के लिए मूल्य आधारित शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।

आईएएनएस/PT

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