उत्तराखंड के चौना में अब बाहरी लोगों को जमीन खरीदने की नहीं मिलेगी इजाज़त

ग्राम पंचायत में बाहरी लोगों को जमीन खरीदने और ग्रामीणों के बेचने पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
Uttrakhand : हिमनगरी मुनस्यारी के निकटवर्ती चौना ग्राम पंचायत में अब  न कोई बाहरी व्यक्ति जमीन क्रय  कर सकेगा और ना ही गांव का कोई व्यक्ति बाहरी लोगों को जमीन बेच सकेगा।(Wikimedia Commons)
Uttrakhand : हिमनगरी मुनस्यारी के निकटवर्ती चौना ग्राम पंचायत में अब न कोई बाहरी व्यक्ति जमीन क्रय कर सकेगा और ना ही गांव का कोई व्यक्ति बाहरी लोगों को जमीन बेच सकेगा।(Wikimedia Commons)
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Uttrakhand : हिमनगरी मुनस्यारी के निकटवर्ती चौना ग्राम पंचायत में अब न कोई बाहरी व्यक्ति जमीन क्रय कर सकेगा और ना ही गांव का कोई व्यक्ति बाहरी लोगों को जमीन बेच सकेगा। यह प्रस्ताव गुरुवार को ग्राम पंचायत के खुली बैठक के दौरान पारित किया गया है।

बैठक में विभागीय अधिकारियों के भाग नहीं लेने पर गहरा रोष जताया गया और इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से करते हुए कार्यवाही की मांग का भी प्रस्ताव पारित हुआ।

ग्राम प्रधान गणेश जेठा की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में रेखीय विभागों में मात्र दो विभाग के अधिकारी उपस्थित थे बाकी अन्य विभागों के अधिकारियों के मौजूद नहीं रहने पर सदस्यों के बीच काफी नाराज़गी है और इसे पंचायती व्यवस्था की अपमान बताई गई। सदस्यों का कहना था कि विभागीय अधिकारी खुली बैठकों को गंभीरता से नहीं लेते हैं और उच्चाधिकारियों से की गई शिकायत भी अनसूनी रहती है।

पारित किया गया यह प्रस्ताव

इस मौके पर पहला प्रस्ताव ग्राम पंचायत में बाहरी लोगों को जमीन खरीदने और ग्रामीणों के बेचने पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में कहा गया कि खुली बैठक में भाग नहीं लेने वाले विभागों के अधिकारियों की शिकायत अब सीधे जिलाधिकारी और शासन से की जाएगी। इसके लिए भी प्रस्ताव पारित किया गया।

आजादी के सात दशक के बाद भी गांव में रहने वाले लोग सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। (Wikimedia Commons)
आजादी के सात दशक के बाद भी गांव में रहने वाले लोग सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। (Wikimedia Commons)

क्या राय है ग्रामीणों का?

ग्रामीणों का कहना था कि सबसे अधिक चर्चा उद्यान , कृषि, पशुपालन और समाज कल्याण विभाग को लेकर होनी थी परंतु कोई भी अधिकारी , कर्मचारी बैठक में नहीं पहुंचा। बैठक में गत बैठक की कार्यवाही,आय व्यय पर चर्चा, जन्म -मृत्यु पंजीकरण, परिवार रजिस्टर , राशन कार्ड सहित अन्य सरकारी योजनाओं पर चर्चा की गई। इस दौरान ग्रामीणों ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि आजादी के सात दशक के बाद भी गांव में रहने वाले लोग सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाओं से जूझ रहे हैं।

कौन था बैठक में मौजूद?

बैठक में पूर्व प्रधान हीरा देवी, ईश्वर सिंह मेहता , विधायक प्रतिनिधि हीरा सिंह चिराल, हरीश मेहता, पुष्कर पापड़ा, बाला चिराल, गंगा सिंह मेहता मंतो देवी, पुष्पा चिराल ,तारा देवी , नारायणी देवी, खीला मेहता, सहित ग्राम पंचायत के वार्ड मेंबर, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी प्रेम सिंह रावत और मनरेगा के केदार देवली आदि उपस्थित रहे।

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