प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को ED की एक विशेष अदालत को सूचित किया कि पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी निदेशक के रूप में कंपनी फंड का इस्तेमाल करती थीं। उनकी कंपनी का इस्तेमाल करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में जमा धन को सुरक्षित रखने के लिए किया गया था। ED के वकील फिरोज एडुल्जी ने कहा कि कंपनी का नाम सिम्बायोसिस मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड है। अर्पिता मुखर्जी जहां कंपनी के दो निदेशकों में से एक हैं, वहीं दूसरी निदेशक उनकी बहन के पति कल्याण धर हैं।
एडुल्जी ने अदालत को सूचित किया कि शुरू में कंपनी के शेयर की कीमत 10 रुपये प्रति शेयर थी, जो बहुत ही कम समय में बढ़कर 1,000 रुपये प्रति शेयर हो गई।
एडुल्जी के अनुसार, ये स्पष्ट संकेत हैं कि भर्ती घोटाले से हुई आय लगभग 2.70 करोड़ रुपये को चैनलाइज करके कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया था।
केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत कंपनी रजिस्ट्रार (ROC) के रिकॉर्ड के अनुसार, कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 1,400,000 रुपये है और इसकी चुकता पूंजी 1,360,000 रुपये है। आरओसी रिकॉर्ड के अनुसार, कंपनी गैर-निर्दिष्ट थोक व्यापार में शामिल है।
कंपनी का पंजीकृत पता 19 नवाब अब्दुल लतीफ स्ट्रीट, बेलघरिया, उत्तर 24 परगना है, वही अर्पिता मुखर्जी का फ्लैट है, जहां से ED ने भारी मात्रा में नकदी और सोना बरामद किया था।
कंपनी की वार्षिक आम बैठक (AGM) अब से पहले 30 नवंबर, 2021 को हुई थी। रिकॉर्ड के अनुसार, इसकी बैलेंसशीट 31 मार्च, 2021 को दाखिल की गई थी।
(आईएएनएस/AV)