1600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में ईडी का एक्शन, जब्त कीं 155 करोड़ की अचल संपत्तियां

कोलकाता, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड, उसकी संबंधित कंपनियों, फर्मों और सैयद जियाजुर रहमान सहित अन्य व्यक्तियों के खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में 155 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 212 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
बैनर है एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की
1600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में ईडी का एक्शनIANS
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ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्तियों में पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के कई जिलों में स्थित भूमि, अपार्टमेंट, होटल, रिसॉर्ट और फैक्ट्री प्लॉट शामिल हैं। जांच के दौरान यह पता चला कि ये संपत्तियां निवेशकों से 1600 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी से जुटाई गई रकम से खरीदी गई थीं। निवेशकों को आरोपियों के नियंत्रण वाली विभिन्न कंपनियों द्वारा उनके निवेश पर 2-3 प्रतिशत का गारंटीड मासिक रिटर्न देने का झूठा वादा करके ठगा गया था।

पश्चिम बंगाल पुलिस (West Bengal Police) ने आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत एलएफएस ब्रोकिंग, सैयद जियाजुर रहमान और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की। इसके अलावा, गुजरात, ओडिशा और महाराष्ट्र राज्यों में भी सैयद जियाजुर रहमान और एलएफएस ग्रुप के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

ईडी की जांच में पता चला कि सैयद जियाजुर रहमान, दिलीप कुमार मैती, मोहम्मद अनारुल इस्लाम और उनके साथियों ने सेबी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में हेरफेर करके अवैध निवेश योजनाएं चलाईं और निवेशकों को 2-3 प्रतिशत का गारंटीड मासिक रिटर्न देने के नाम पर उनके फंड को इकट्ठा करने और दूसरी जगह भेजने के लिए कई कंपनियों का जाल बनाया।

आरोपियों ने शेयर ब्रोकिंग और अन्य निवेश गतिविधियों के लिए सेबी में रजिस्टर्ड एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर यह अवैध कारोबार चलाया। उन्होंने जानबूझकर एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम जैसी ही कई अन्य फर्में बनाईं। निवेशकों को यह विश्वास दिलाया गया कि वे सेबी में रजिस्टर्ड कंपनी में निवेश कर रहे हैं, जबकि असल में फंड एलएफएस ब्रोकिंग और पीएमएस सर्विसेज जैसी इसी तरह के नाम वाली फर्मों में भेजा जाता था।

इससे पहले, इस मामले में ईडी ने मुख्य आरोपी सैयद जियाजुर रहमान सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए लोग फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इसके अलावा, इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ कोलकाता की विशेष अदालत में एक अभियोग याचिका भी दायर की गई है।

[SS]

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