
इस हफ्ते की शुरुआत में कोलकाता और आसपास के इलाकों में हुई रातभर की भारी बारिश के बाद कई जगहों पर पानी भर गया, जिससे बिजली की तारें पानी में डूब गईं। इसी कारण अलग-अलग इलाकों में 10 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से 8 मौतें कोलकाता में दर्ज की गई हैं। सभी की मौत करंट लगने से हुई थी।
सीईएससी कंपनी को कोलकाता और हावड़ा जिले में बिजली वितरण का एकाधिकार प्राप्त है। इन हादसों को लेकर कंपनी पर चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा था।
गुरुवार दोपहर, सीईएससी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अविजीत घोष ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "हम अपने शहर में प्राकृतिक आपदा के कारण हुई जानहानि से बेहद दुखी हैं। मानवीय आधार पर हमने प्रत्येक मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का फैसला किया है।"
सीईएससी की यह घोषणा ऐसे समय में आई जब कलकत्ता हाईकोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने भी गुरुवार को सीईएससी से करंट से हुई मौतों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने भी सीईएससी को सीधे जिम्मेदार ठहराते हुए कंपनी से प्रत्येक पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए देने और एक परिजन को नौकरी देने की मांग की थी। राज्य सरकार की ओर से ममता बनर्जी ने पहले ही 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि की घोषणा कर दी थी।
हालांकि, सीईएससी ने मुआवजे की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी तक नौकरी देने को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है।
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