कोलकाता में बन गया है भारत का पहला अंडरवाटर मेट्रो, जानिए पानी के अंदर कैसे बनती है टनल

इस मेट्रो लाइन पर 12 स्टेशन हैं, जिसमें से तीन स्टेशन हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन और महाकरण अंडरवाटर होंगे। अंडरवाटर की 520 मीटर की दूरी अब मात्र 45 सेकंड में तय की जा सकेगी।
First Underwater Metro In Kolkata: इस मेट्रो से हुगली नदी के नीचे सुरंग से होते हुए 16.6 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। (Wikimedia Commons)
First Underwater Metro In Kolkata: इस मेट्रो से हुगली नदी के नीचे सुरंग से होते हुए 16.6 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। (Wikimedia Commons)
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First Underwater Metro In Kolkata : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया। यह अंडरवॉटर मेट्रो सर्विस कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन का हिस्सा है। यह मेट्रो हुगली नदी में बनी सुरंग से होकर गुजरेगी। इस मेट्रो के सहायता से नदी के दोनों किनारे पर बसे दो बड़े शहरों हावड़ा और कोलकाता को जोड़ा गया है।

इस मेट्रो से हुगली नदी के नीचे सुरंग से होते हुए 16.6 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। इस मेट्रो लाइन पर 12 स्टेशन हैं, जिसमें से तीन स्टेशन हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन और महाकरण अंडरवाटर होंगे। अंडरवाटर की 520 मीटर की दूरी अब मात्र 45 सेकंड में तय की जा सकेगी।

अंडरग्राउंड टनल की लंबाई 10.8 किलोमीटर है। इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है।(Wikimedia Commons)
अंडरग्राउंड टनल की लंबाई 10.8 किलोमीटर है। इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है।(Wikimedia Commons)

क्या है इसकी खासियत

यह देश की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो टनल है। इसमें 3.8 किलोमीटर की दो अंडरग्राउंड टनल तैयार की गई हैं, जिसमें 520 मीटर का हिस्सा पानी के नीचे है। अधिकारियों ने बताया कि अंडरवाटर मेट्रो में लोगों को 5G इंटरनेट की सुविधा मिलेगी। पानी की सतह में ही वेंटिलेशन और इवेकेशन के शाफ्ट भी लगे हैं। अंडरग्राउंड टनल की लंबाई 10.8 किलोमीटर है। इस रूट पर हुगली नदी के नीचे 520 मीटर लंबी मेट्रो सुरंग है। ये सुरंग नदी की सतह से सिर्फ 13 मीटर नीचे हैं।

कैसे तैयार की गई सुरंग?

इस पूरी परियोजना की लागत लगभग 8,600 करोड़ रुपये है। पानी के भीतर सुरंग बनाने के लिए कंक्रीट को फ्लाई ऐश और माइक्रो-सिलिका के साथ डिजाइन किया गया है, जो इसे जलरोधी बनाता है। जमीन से 30 मीटर नीचे खुदाई करके हावड़ा मेट्रो स्टेशन तैयार किया गया। कोरोना महामारी के दौरान दो सालों के भीतर इस मेट्रो परियोजना के काम को पूरा किया गया।

टनल में है इमरजेंसी एग्जिट

टनल के अंदर पानी का फ्लो और लीकेज रोकने के लिए भी कई सुरक्षा उपल्ब्ध करवाई गई है। इसके लिए सीमेंट में फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका को सीमेंट में मिलाया गया है इसके साथ साथ आपातकालीन स्थिति से भी निपटने के लिए भी इस टनल में उपाय किए गए हैं। आपको बता दें कि इस टनल के अंदर 760 मीटर लंबा इमरजेंसी एग्जिट बनाया जा गया है।

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