भारत सरकार ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए कड़े दिशानिर्देशों की घोषणा की। इस संदर्भ में कानूनी और नीति विशेषज्ञों का कहना है कि ये नियम पुलिस और प्रवर्तन एजेंसियों को सशक्त बनाएंगे, जबकि 'ट्रेसबिलिटी' की जरूरत भारत में सेवाएं देने वाले कुछ प्लेटफॉर्मो के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 में यह आदेश दिया गया है कि सोशल मीडिया के मध्यस्थों सहित मध्यस्थों को उपयोगकर्ताओं या पीड़ितों से शिकायतें प्राप्त करने के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना होगा।
वकील वीएन गुप्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष आए गोविंदाचार्य के मामले का जिक्र करते हुए आईएएनएस से कहा, "नए नियम भारत में महत्वपूर्ण सोशल मीडिया बिचौलियों द्वारा मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और निवास शिकायत अधिकारी की नियुक्ति को अनिवार्य करते हैं।"
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उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक विकास है, जिसे यदि दृढ़ता से लागू किया जाता है, तो यह डिजिटल कंपनियों के कानूनी परिदृश्य को बदल देगा। गुप्ता ने कहा, "यह पुलिस और प्रवर्तन एजेंसियों को और अधिक सुविधा प्रदान करेगा, जिन्हें सामाजिक से प्रारंभिक और सुविधाजनक प्रतिक्रिया मिल सकती है।"
नए मानदंडों के अनुसार, मुख्य रूप से संदेश भेजने की सेवाएं प्रदान करने वाले महत्वपूर्ण सोशल मीडिया बिचौलियों को उस जानकारी के प्रवर्तक की पहचान करने में सक्षम होना चाहिए जो केवल भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, मैत्रीपूर्ण संबंधों से संबंधित अपराधों के लिए आवश्यक है।(आईएएनएस)