पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी 1996 में बिहार की ओर से संसद ( Parliment) की सदस्य बनी।
जब लालू यादव ( Lalu Yadav) ने उन्हें टिकट दिया तो विपक्ष ने संसद में “जितना करिया उतना मोट कौन देई भगवतीया के वोट” का स्लोगन लगाया गया जो भगवती देवी के वजन और कालेपन को दर्शाता था।
ऐसे ही कुछ 2025 में सीनियर आईएएस ऑफिसर सारदा मुरलीधरन के साथ भी हुआ था, जहां उनके रंग को उनके काम के साथ जोड़ा गया।
संसद में सौंदर्य का नाम सिर्फ गोरापन? अनुभव और शिक्षा का कोई मोल नहीं!
काले और गोरेपन की समस्या सिर्फ आम जीवन में नहीं बल्कि संसद ( Parliment) में भी कई दफा देखी गई है। 1996 से लेकर 2025 तक कुछ नहीं बदला है। आज भी स्त्री को गोरे रंग से ही पसंद किया जाता है। संसद में भी इस तरह की समस्या और विवाद देखे गए हैं। काले रंग की वजह से 1996 में संसद की सदस्य भगवती देवी का मजाक उड़ाया गया था। भगवती देवी ( MP Bhagwati Devi) एक पत्थर तोड़ने वाली महिला थी जिन्होंने अपनी चतुराई और सादगी से 1996 में बिहार की ओर से संसद में बतौर सदस्य अपनी जगह बनाई। भगवती देवी अक्सर आम जनता की गंभीर समस्याओं को संसद में बुलंद आवाज के साथ पेश करती थी।
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हालांकि एक समय जब लालू यादव ( Lalu Yadav) ने भगवती देवी को टिकट दिया तो संसद में विपक्ष ने एक स्लोगन लगाया जिसमें लिखा था कि “जितना करिया उतना मोट कौन देई भगवतीया के वोट” इस कथन से यह साफ हो जाता है कि संसद में शिक्षा और अनुभव से ज्यादा काला रंग महत्व का होता है। 1996 से लेकर 2025 तक कुछ नहीं बदला है और आज भी संसद में काले और गोरे रंग को लेकर शिक्षित और अनुभवी सदस्यों का मजाक उड़ाया जाता है।
साल 2025 में ही काले और गोरे रंग के मजाक का शिकार एक सीनियर आईएएस ऑफिसर हुई। दरअसल सीनियर आईएएस ऑफिसर सारदा मुरलीधरन ( IAS and Chief Secratry of Kerla Sarda murlidharan) जब केरल की चीफ सेक्रेटरी बनी तो उनके काले रंग का मजाक उड़ाया गया। उन पर कमेंट किया गया कि “her Leadership is as black as her husband’s was white” , सारदा मुरलीधरन और उनके पति दोनों ही आईएएस ऑफिसर थे और दोनों ने ही एक कुर्सी संभाली लेकिन सारदा के रंग की उनके काम के साथ तुलना की गई।
यह सिर्फ राजनीति और संसद तक ही सीमित नहीं है बल्कि काले और गोरे रंग की समस्या मनोरंजन इंडस्ट्री और एडवरटाइजिंग में दिखाई देती है, जहां पर गोरे रंग की लड़कियां और गोरा रंग को ही महत्व दिया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि घर परिवार में भी यह बताया जाता है कि गोरा रंग ही सौंदर्य का प्रतीक होता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको संसद की सदस्य और विधायक भगवती देवी ( MP Bhagwati Devi) तथा सीनियर आईएएस ऑफिसर एवं चीफ सेक्रेटरी ऑफ़ केरल की सारदा मुरलीधरन ( IAS and Chief Sarda murlidharan) द्वारा काले रंग की उत्पीड़न संबंधित मामले पर चर्चा की है।
RH/PSA