आकाशवाणी आईकॉनिक धुन: 90 वर्षों तक भारतीयों को जगाने वाली धुन की कहानी

90 सालों तक ऑल इंडिया रेडियो पर बजने वाली आकाशवाणी आईकॉनिक धुन ( Akashwani Iconic Tune) को जर्मनी के रिफ्यूजी ने किया था तैयार!
आकाशवाणी का कार्यक्रम
वाल्टर कुफमैन ने आकाशवाणी आईकॉनिक धुन ( Akashwani Iconic Tune) को तैयार किया था जो राग शिवरंजनी पर आधारित थी और 90 वर्षों तक यह सुबह के समय भारतीयों को जगाती रही। WiKimedia common
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Summary
  • All India Radio का गठन 1936 में हुआ। ‌

  • ऑल इंडिया डायरेक्टर के रूप में नाजी, जर्मनी के कंपोजर वाल्टर कुफमैन ( Air Director Walter Kaufmann) को नियुक्त किया गया जो की जर्मनी के एक रिफ्यूजी थे।

  • वाल्टर कुफमैन ने आकाशवाणी आईकॉनिक धुन ( Akashwani Iconic Tune) को तैयार किया था जो राग शिवरंजनी पर आधारित थी और 90 वर्षों तक यह सुबह के समय भारतीयों को जगाती रही।

जर्मनी के रिफ्यूजी वाल्टर कुफमैन ने तैयार की आकाशवाणी आईकॉनिक धुन!

ऑल इंडिया रेडियो पर करीब 90 सालों तक आकाशवाणी की आईकॉनिक धुन को सुनकर सभी भारतीयों ने अपनी सुबह की शुरुआत की। हालांकि इस धुन को किसी भारतीय नहीं बल्कि नाजी जर्मनी के एक रिफ्यूजी कंपोजर वाल्टर कुफमैन ने तैयार किया था जो की ऑल इंडिया रेडियो के डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

कंपोजर वाल्टर कुफमैन ने साल 1936 में वायलिन पर आकाशवाणी की आईकॉनिक धुन (Akashwani Iconic Tune) को तैयार किया था जो की राग शिवरंजनी पर आधारित थी। उस वक्त इंडिया में रिफ्यूजी के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा हुआ करती थी। नाजी जर्मनी से भाग कर जब वाल्टर कुफमैन ( Walter Kaufmann) इंडिया आए तो उनके पास रहने और खाने का ठिकाना नहीं था। भारत उस वक्त अंग्रेजों का गुलाम था और जब वह भारत आए तो उन्होंने भारत के संगीत को सुना तो उन्होंने इसकी अपने पश्चिमी संगीत से तुलना नहीं की।

वह हिंदुस्तान के अलग-अलग शहरों में गए जैसे लखनऊ, हैदराबाद, बनारस और कलकत्ता।‌ कंपोजर ने इन शहरों के कुख्यात उस्ताद पंडितों से भारत के संगीत को सीखा। इसके बाद जब साल 1933 में ऑल इंडिया रेडियो बन रहा था और उस वक्त रेडियो को डायरेक्टर के रूप में एक ऐसे शख्स की तलाश थी जो वेस्टर्न म्यूजिक को समझें और जिसे ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी की नॉलेज भी हो। बस फिर यहीं से वाल्टर कुफमैन ऑल इंडिया रेडियो के डायरेक्टर ( Air Director Walter Kaufmann) बन गए और अपनी वेस्टर्न संगीत को भारतीय राग के साथ मिलाकर आकाशवाणी की आईकॉनिक धुन को तैयार किया। उन्होंने करीब 1936 से लेकर 1946 तक ऑल इंडिया रेडियो के डायरेक्टर के रूप में काम किया और कॉफमैन धुन को कंपोज करने के 10 साल बाद लंदन चले गए लेकिन यह आकाशवाणी का सिग्नेचर ट्यून बन गया जो कि करीब 90 वर्षों तक लगातार भारत को जागता रहा।

भारतीय म्यूजिक बैंड Euphoria ने आकाशवाणी आईकॉनिक धुन को अपने वीडियो सॉन्ग “कभी आना तू मेरी गली” में ट्रिब्यूट भी दिया जिसके बाद एक बार फिर से यह धुन भारतीयों के कानों में गूंजने लगी।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको ऑल इंडिया रेडियो की आकाशवाणी पर बजने वाली आईकॉनिक धुन से जुड़ी कहानी के बारे में बताया है। ‌हमने जाना की जर्मनी के एक रिफ्यूजी और कंपोजर वाल्टर कुफमैन ने आकाशवाणी आईकॉनिक धुन को तैयार किया था जोकि ऑल इंडिया रेडियो के डायरेक्टर भी रहे थे।

RH

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