

दरअसल, यह कमल के पौधे का बीज होता है, जो तालाब या झील में उगता है। सुखाने और हल्का भूनने के बाद यह कुरकुरे और स्वाद में हल्का मीठा बन जाता है। छोटे होने के बावजूद मखाने में खूब सारे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इसमें प्रोटीन (Protein), कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates), कैल्शियम (Calcium), आयरन (Iron), मैग्नीशियम (Magnesium), फॉस्फोरस (Phosphorus) और पोटैशियम (Potassium) जैसे मिनरल्स (Minerals) मौजूद होते हैं।
मखाना वजन घटाने में मदद करता है क्योंकि इसमें कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है। हड्डियों को मजबूत (Strengthen Bones) बनाने के लिए यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी मखाना मदद करता है, इसलिए डायबिटीज के मरीज इसे आराम से खा सकते हैं।
हृदय की सेहत के लिए भी मखाना फायदेमंद है क्योंकि इसमें फैट और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) कम होता है। इसके अलावा, मखाने में मौजूद अमीनो एसिड मानसिक स्वास्थ्य और नींद के लिए लाभकारी होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं और फाइबर पाचन तंत्र को सही रखता है।
मखाना खाने के कई तरीके हैं, लेकिन इसे हल्का भूनकर नमक या घी के साथ स्नैक की तरह खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। इसे दूध में डालकर खीर या हलवा बनाया जा सकता है। ड्राई फ्रूट्स के साथ लड्डू बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, कई लोग सब्जी या करी में भी मखाने को डालते हैं।
लेकिन ध्यान रखें, सावधानियां भी जरूरी हैं। बहुत ज्यादा मात्रा में मखाना खाने से कब्ज हो सकता है। जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) की समस्या है, उन्हें इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
[AK]