मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में दो लड़कियों की दोस्ती के मोहब्बत (Love) में बदलने का मामला सामने आया है। दोनों युवतियां लगभग दो माह पहले घर से भाग चुकी हैं और अलग रह रही हैं। एक युवती ने तो पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया है, वहीं उच्च न्यायालय (High Court) ने युवती के बालिग होने पर खुद फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होने की बात कही।
बताया गया है कि जबलपुर (Jabalpur) के खमरिया इलाके में रहने वाली दो लड़कियां बचपन से साथ खेली और पढ़ते-पढ़ते बड़ी भी हुई। दोनों का एक दूसरे के घर में भी आना जाना था और सबका एक दूसरे से लगाव भी था। वर्तमान में एक युवती 18 साल की है तो दूसरी 22 साल की हो चुकी है। दोनों के रिश्तों के बारे में परिवार को पता चला तो वह दोनों लड़कियां भागकर भोपाल पहुंच गई और एक हॉस्टल में रहने लगी।
पुलिस के मुताबिक 18 साल की गायब हुई लड़की के परिवार वालों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। जबलपुर पुलिस भोपाल पहुंची और युवती को बरामद किया, मगर उसने पिता के साथ जबलपुर जाने से इनकार कर दिया। इस पर पिता ने हाईकोर्ट का रुख किया और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, साथ ही न्यायालय को बताया कि बेटी को महिला मित्र के बजाय घर पर रहने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मान रही है। हाईकोर्ट ने याचिका मंजूर कर युवती को हाजिर करने का नोटिस भेजा।
अधिवक्ता सुयश ठाकुर ने बताया है कि, याचिका पर उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा की डबल बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान पिता ने बताया कि बेटी गलत राह पर चल रही है। उसे समझाने का प्रयास किया, वहीं बेटी ने न्यायालय को बताया है कि घर वाले उसे पीटते हैं । वह बालिग है, समझदार है, अपने पैरों पर खड़ी है इसलिए उसे अपना जीवन जीने की इजाजत दी जाए।
बताया गया है कि न्यायालय ने दोनों का पक्ष सुना उसके बाद युवती और उसके परिवार वालों को आपस में सलाह करने को कहा। उसके बाद भी युवती परिवार के साथ जाने को तैयार नहीं हुई और अपनी सहेली के साथ रहने पर अड़ी रही। परिणाम स्वरूप न्यायालय ने कहा कि लड़की बालिग है इसलिए अपनी जिंदगी से जुड़े फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।
आईएएनएस/PT