पंजाब(Punjab) के पटियाला(Patiala) शहर में काली माता मंदिर के बाहर हरीश सिंगला(Harish Singla) के नेतृत्व में शिवसेना(Shiv Sena) के सदस्यों और खालिस्तान(Khalistan) समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। झड़प को रोकने की कोशिश में पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी, कड़ी मशक्कत के बाद हालात को काबू में किया। वहीं, अब कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी। पटियाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राकेश अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, "अफवाहों के बाद तनाव शुरू हुआ कि कुछ प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया है।"
प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि शिवसेना के खालिस्तान 'मुर्दाबाद मार्च' का विरोध करने के लिए दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे के सामने जमा हुए निहंगों(Nihang) ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए मंदिर की ओर मार्च किया।
पुलिस ने कहा कि मंदिर की ओर जा रहे निहंगों को रोकने की कोशिश में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान(CM Bhagwant Mann) ने झड़पों की घटना को अत्यंत निंदनीय और अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कड़े शब्दों में लोगों से लंबे पारंपरिक प्रेम, शांति, भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखने के अलावा हर कीमत पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने पीड़ा व्यक्त करते हुए लोगों से संकट की इस घड़ी में संयम बरतते हुए पुलिस और नागरिक अधिकारियों को भरपूर समर्थन और सहयोग देने का आह्वान किया।
उन्होंने साफ कहा कि किसी को भी राज्य में कड़ी मेहनत से अर्जित शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मान ने ट्वीट किया, "पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने डीजीपी से बात की, क्षेत्र में शांति बहाल कर दी गई है। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और किसी को भी राज्य में अशांति पैदा नहीं करने देंगे। पंजाब की शांति और सद्भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा, "शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि हम सभी पंजाब को देश में सबसे शांतिपूर्ण, सामंजस्यपूर्ण और समृद्ध राज्य बनाने के लिए नैतिक रूप से प्रतिबद्ध हैं।"
एहतियात के तौर पर शनिवार सुबह तक कर्फ्यू लगा दिया गया है।
शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष सिंगला ने आर्य समाज चौक से काली देवी मंदिर तक खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का नेतृत्व किया। वे लोग खालिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
सिंगला ने कहा, "शिवसेना पंजाब या भारत में कहीं भी खालिस्तान नहीं बनने देगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिबंधित Sikhs for Justice (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 29 अप्रैल को खालिस्तान के स्थापना दिवस को चिह्न्ति करने का आह्वान किया था।"
झड़प पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आप सरकार को सलाह दी कि एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य में शांति और सद्भाव सबसे जरूरी है। "पंजाब प्रयोग करने की जगह नहीं है।"
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, "पटियाला में दो समूहों के बीच झड़पों के कारण पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति के बारे में चिंतित हूं। पटियाला के लोग शांतिप्रिय हैं और मैं उनसे अपील करता हूं कि वे उत्तेजित ना हों। उम्मीद है कि पंजाब पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी और सुनिश्चित करेगी कि कानून-व्यवस्था बनी रहे।"
भाजपा(BJP) नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
आईएएनएस(DS)