
दुनिया में अगर किसी जगह को सबसे सुरक्षित कहा गया है तो अक्सर एक ही नाम सामने आता है फोर्ट नॉक्स (Fort Knox)। अमेरिका के केंटकी राज्य में स्थित यह जगह न सिर्फ सैन्य प्रशिक्षण केंद्र है बल्कि यहां छुपा है दुनिया का सबसे बड़ा सोने (Gold) का भंडार। इतना सोना कि अगर भारत की "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" को सोने से बनाया जाए, तो फोर्ट नॉक्स में रखा सोना उससे 16 गुना बड़ी प्रतिमा बना सकता है। यहां मौजूद सोने की कीमत आज के हिसाब से 700 अरब डॉलर से भी ज़्यादा आंकी जाती है। लेकिन फोर्ट नॉक्स सिर्फ सोने के लिए ही मशहूर नहीं है। यहां ऐसे-ऐसे दस्तावेज़ और गुप्त भंडार छुपाकर रखे गए हैं, जिनके बारे में जानकर दुनिया को बहुत ही हैरानी होती है।
फोर्ट नॉक्स की शुरुआत
फोर्ट नॉक्स (Fort Knox) का इतिहास सबसे पहले विश्व युद्ध से जुड़ा है। 1918 में अमेरिका (America) ने यहां एक सैन्य प्रशिक्षण शिविर बनाया, जिसका नाम रखा गया हेनरी नॉक्स। जो की अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में आर्टिलरी चीफ थे और बाद में "वार सेक्रेटरी" बने। 1930 के दशक में अमेरिका "ग्रेट डिप्रेशन" यानी भीषण आर्थिक मंदी से गुजर रहा था। देश को डॉलर छापने की ज़रूरत थी, लेकिन उस दौर में डॉलर छापने का नियम सोने पर आधारित था, जितना सोना, उतने डॉलर। ऐसे में राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूज़वेल्ट ने एक कानून बनाया। इस कानून के तहत लोगों को अपना सारा सोना सरकार को जमा कराना पड़ा। बदले में सरकार ने उन्हें तय दाम पर भुगतान किया।
जिसका नतीजा यह हुआ कि लाखों किलो सोना सरकार के पास आ गया। इतना सोना कि उसे रखने के लिए नई और सबसे सुरक्षित जगह चाहिए थी। फिर इतना सारा सोना को रखने के लिए फोर्ट नॉक्स को चुना गया। फिर 1937 में सोना ट्रांसफर करने का अभियान शुरू हुआ, और यह अभियान अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा स्वर्ण स्थानांतरण अभियान था। सबसे पहले चरण में जनवरी से जून 1937 के बीच 4900 मीट्रिक टन सोना यहां पहुंचाया गया। दूसरे चरण में 1940-41 के दौरान और 8000 मीट्रिक टन सोना यहां भेजा गया। आपको बता दें सोने की खेपें खास ट्रेनों से लाई गईं। इन ट्रेनों की सुरक्षा में सैकड़ों बख्तरबंद गाड़ियां और सैनिक तैनात थे। मज़ेदार बात तो यह थी कि इस ट्रांसपोर्ट में यूएस मेल और डाक सेवा भी शामिल थी।
फोर्ट नॉक्स की सुरक्षा
फोर्ट नॉक्स (Fort Knox) को दुनिया का सबसे सिक्योर बिल्डिंग माना जाता है। इसकी सुरक्षा का अंदाज़ा इन बातों से लगाई जा सकती है, जैसे की इसकी दीवारें 4 फीट मोटी हैं। और तिजोरी का दरवाज़ा का वजन 22 टन है। इसके दरवाज़े पर टाइम लॉक सिस्टम है, जिसे एक व्यक्ति अकेले नहीं खोल सकता। यहां के तहखाने में बनी वॉल्ट्स और सुरंगें न्यूक्लियर हमले में भी सुरक्षित रहती हैं। और यहां हमेशा हज़ारों सैनिक मौजूद रहते हैं। यहां हवाई जहाजों का परिचालन प्रतिबंधित है। इतनी सुरक्षा देखकर ही "फोर्ट नॉक्स जैसी सिक्योरिटी" का कहावत दुनिया भर में मशहूर हो गई है।
कुछ लोग तो मानते हैं कि फोर्ट नॉक्स सिर्फ सोने (Gold) का भंडार नहीं है, बल्कि यहां इतिहास और रहस्यों का खजाना भी है। क्योकि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यहां पर अमेरिका (America) का मूल संविधान रखे गए थे, स्वतंत्रता की घोषणा,15वीं सदी की गुटेनबर्ग बाइबल, ब्रिटेन का ऐतिहासिक दस्तावेज़ मैग्ना कार्टा यही नहीं, हंगरी का होली क्राउन और 30,000 किलो अफीम भी यहां जमा किया गया है। आपको बगता दें की अफीम यहां क्यों रखी गई थी, क्योंकि कोल्ड वॉर के समय न्यूक्लियर हमले की आशंका थी और तब मॉर्फीन बनाने के लिए अफीम की ज़रूरत पड़ सकती थी, इसलिए यहां अफीम रखी गई थी।
अफवाहें और साज़िशें
इतनी गोपनीयता के कारण फोर्ट नॉक्स हमेशा अफवाहों का अड्डा बना रहा है। कई बार कहा गया कि यहां का सारा सोना गायब हो चुका है। 1974 में जब यह विवाद बढ़ा, तो अमेरिकी सांसदों और पत्रकारों को पहली बार अंदर जाने की इजाज़त दी गई। उन्होंने पुष्टि की कि यहां सोना मौजूद है। लेकिन इसके बाद भी यहां षड्यंत्र सिद्धांत खत्म नहीं हुईं है।
उसके बाद 2011 में एक अफवाह फैली कि आईएमएफ चीफ की गिरफ्तारी का असली कारण यह था कि उन्होंने फोर्ट नॉक्स से सोने (Gold) की "गुमशुदगी" का राज़ खोल दिया था। हाल ही में एलन मस्क ने भी दावा किया कि शायद फोर्ट नॉक्स का सोना अब वहां नहीं है। एक और दिलचस्प बात यह है कि 1945 के बाद से अब तक किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति को फोर्ट नॉक्स के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। केवल राष्ट्रपति रूज़वेल्ट ने इसे बस देखा था। 2017 में ट्रम्प प्रशासन के दौरान ट्रेजरी सचिव और कुछ सांसदों को यहां बस अंदर झांकने का मौका मिला। और अब खबर है कि डोनाल्ड ट्रम्प और एलन मस्क यहां जाने वाले हैं, ताकि देख सकें कि यहां पर सोना सही सलामत है या नहीं।
आज का फोर्ट नॉक्स
आज फोर्ट नॉक्स में करीब 147.3 मिलियन औंस सोना यानी 4.58 लाख किलो सोना यहां मौजूद है। यह अमेरिका के कुल सोने का लगभग आधा हिस्सा है। बाकी सोना अमेरिका के अन्य डिपॉजिटरी जैसे डेनवर, वेस्ट पॉइंट और न्यूयॉर्क फेडरल के रिज़र्व बैंक में रखा गया है। दुनिया में सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व अमेरिका के पास ही है। उसके बाद जर्मनी, इटली और फ्रांस का नंबर आता है।
फोर्ट नॉक्स (Fort Knox) को लेकर लोगों की जिज्ञासा लगातार बढ़ती रही है। जेम्स बॉन्ड की 1964 की फिल्म गोल्डफिंगर ने इसे और ज्यादा रहस्यमयी बना दिया। फिल्म में दिखाया गया था कि यहां चोरी करना लगभग असंभव है। आज भी जब कोई चीज़ "अटूट सुरक्षा" की मिसाल बनती है, तो कहा जाता है कि "ये तो फोर्ट नॉक्स जैसा सुरक्षित है।"
निष्कर्ष
फोर्ट नॉक्स सिर्फ सोने का खजाना नहीं है, बल्कि यह एक अमेरिका (America) की आर्थिक ताकत और राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक है। सोना यहां अब भी है या नहीं, यह सवाल बार-बार उठता है, लेकिन एक बात तय है कि फोर्ट नॉक्स ने खुद को दुनिया की सबसे रहस्यमयी और सुरक्षित जगहों में शामिल कर लिया है। यह थी फोर्ट नॉक्स की कहानी जो की सोने, सुरक्षा और रहस्यों से भरा हुआ एक ऐसा अध्याय, जिसने इतिहास से लेकर हॉलीवुड तक अपनी छाप छोड़ी है। [Rh/PS]