
रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin), दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के राष्ट्रपति मतमेरा सिरिल रामफोसा, मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी, ईरान (Iran) के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन, इंडोनेशिया (Indonesia) के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो, संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी (Abu Dhabi) के क्राउन प्रिंस खालिद बिन मोहम्मद और भारत (India) व इथियोपिया के प्रतिनिधियों ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
इस मौके पर शी चिनफिंग ने कहा कि वर्तमान दुनिया में सदी का अभूतपूर्व परिवर्तन तेजी से हो रहा है। प्रभुत्ववाद, एकतरफावाद और संरक्षणवाद सक्रिय हैं। "ग्लोबल साउथ" (Global South) का मुख्य भाग होने के नाते ब्रिक्स देशों को खुलेपन, समावेशिता, सहयोग और समान जीत की ब्रिक्स भावना का पालन कर एक साथ बहुपक्षवाद और बहुपक्षीय व्यापारिक व्यवस्था की रक्षा करनी होगी, ताकि मानव जाति साझे भविष्य वाले समुदाय का निर्माण कर सके।
शी चिनफिंग ने तीन सुझाव पेश किए। पहला, बहुपक्षवाद को कायम रखकर अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की रक्षा करें। दूसरा, खुलेपन व समान जीत का पालन कर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और व्यापारिक व्यवस्था बनाए रखें। तीसरा, एकता व सहयोग का पालन कर साझा विकास के लिए ताकत जुटाएं। वहीं, सम्मेलन में उपस्थित नेताओं ने कहा कि अब एकतरफावाद और धौंस जमाने का व्यवहार अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को प्रभावित करता है। अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय नियम खतरे में हैं। व्यापार अन्य देशों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का साधन बन गया है। इससे विश्व शांति और विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ा। ब्रिक्स देशों को एकजुट होकर संकट और चुनौतियों का सामना करना होगा, ताकि बहुपक्षवाद की रक्षा की जा सके।
(BA)