इलाहाबाद हाईकोर्ट (Wikimedia Cmmons) 
ब्लॉग

माध्यम वर्ग को सुलभ न्याय देने के लिए इलाहबाद हाईकोर्ट की नई पहल

NewsGram Desk

मध्य आय वर्ग के लोगों को कानूनी सलाह समेत सुलभ न्याय देने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पहल की है। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सोसाइटी नामक बेवसाइट लांच की है। मिडिल इनकम ग्रुप सोसाइटी मध्य आय वर्ग में आने वाले लोगों को निशुल्क या बेहद मामलू शुल्क पर विधिक सलाह, जानकारी और आवश्यकता पड़ने पर उनका मुकदमा लड़ने की व्यवस्था करेगा।

योजना के अनुसार, छह से 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय के लोगों को मध्य आय वर्ग में माना जाएगा। ऐसे लोगों को ही विधिक सहायता दी जाएगी। इस मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सोसाइटी का काम होगा कि वह जरूरतमंदों को विधिक सहायता, उनकी काउंसिंलग, विधिक उपचार व आवश्यकता होने पर कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व करे। इसके अलावा मध्यस्थता एवं समझौता केंद्र व आर्ब्रिटेशन के मामलों में भी लाभ मिलेगा।

इस सेवा की विशेषता यह है कि इसका लाभ दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी देने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए यह सुविधा के हकदार लोगों को ई-मेल, वीडियो काल या सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा। मकसद है कि लोगों को अनावश्यक यात्रा न करने से बचाना। इसका लाभ वृद्ध, दिव्यांग व यात्रा के अयोग्य अन्य लोगों को भी मिलेगा। इस सुविधा का लाभ व राय मशविरा का कोई खर्च नहीं है।

केवल कोर्ट में केस का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक निर्धारित टोकेन राशि चार्ज होगा। इस सुविधा की ऑफिसियल वेबसाइट हिंदी व अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी। इसका लाभ पाने के लिए हकदार लोगों को अपनी बात व परेशानी विस्तार से ऑफिसियल वेबसाइट पर भेजना होगा। भेजने के 15 दिन के भीतर उस अर्जी की स्वीकृति या अस्वीकृति संबंधी आदेश याची को मिल जाएगा। यदि भेजी गई अर्जी खारिज होती है तो उस व्यक्ति को एक पैनल का नामित अधिवक्ता खारिज होने के कारण से प्रार्थी को अवगत कराएगा।(आईएएनएस)

बॉक्स ऑफिस पर ऋषभ शेट्टी का जलवा बरकरार, 'छावा' को टक्कर देने की ओर 'कांतारा चैप्टर 1'

खसखस से शारीरिक और मानसिक थकान हो जाती है छूमंतर, इस तरह करें इस्तेमाल

केला ही नहीं, ये चीजें भी हैं पोटैशियम के पावरहाउस, डाइट में जरूर करें शामिल

'राइज एंड फॉल' में डबल एविक्शन: कीकू शारदा और आदित्य नारायण हुए बाहर

2025 की शुरूआत से चीन में एक्सप्रेस डिलीवरी की मात्रा 150 अरब से अधिक पहुंची