त्रिपुरा में दंगे भड़काने के आरोप में गिरफ्तार की गई थी दोनों पत्रकार जिनको कोर्ट द्वारा जमानत दे दी गई है (pixabay) 
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त्रिपुरा को दंगों की आग में झोंकने वाली पत्रकारों को कोर्ट ने दी जमानत

NewsGram Desk

हमारा लोकतंत्र(Democracy) इतना विशाल है कि कभी-कभी बेकसूर को सजा मिल जाती है और जिसने गुनाह किया होता है उसका कुछ नहीं होता आज हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि त्रिपुरा पुलिस(Tripura Police) ने रविवार को रिकॉर्ड छुपाकर समुदायों के बीच नफरत पैदा करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार की गईं दिल्ली की दो महिला पत्रकारों सकुनिया और स्वर्णा झा जो एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क के लिए काम करती हैं इनको सोमवार को त्रिपुरा के गोमती जिला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानत दे दी।

पत्रकार समृद्धि के. सकुनिया और स्वर्णा झा के लिए जमानत(Bail) की मांग करने वाले वरिष्ठ वकील पीयूष कांति बिस्वास ने कहा कि अदालत ने 75,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी और उन्हें मंगलवार को काकराबन थाने में रिपोर्ट करने को कहा। बिस्वास ने आईएएनएस से कहा, "मैंने अदालत से कहा है कि जरूरत पड़ने पर पुलिस पत्रकारों से पूछताछ कर सकती है।"

बता दें, त्रिपुरा पुलिस(Tripura Police)के अनुरोध पर असम के करीमगंज जिले में पुलिस ने सकुनिया और झा को हिरासत में लिया। त्रिपुरा पुलिस की एक टीम तब असम गई और उन्हें गोमती जिले में लाने से पहले रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया। त्रिपुरा पुलिस के एक बयान में रविवार को कहा गया कि दोनों पत्रकार गुरुवार को राज्य में आई थीं और उनके खिलाफ रविवार को काकराबन पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 'मनगढ़ंत सामग्री परोसकर समुदायों के बीच नफरत पैदा करने' का मामला दर्ज किया गया था। एक आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए रिकॉर्ड आदि को छुपाया गया, जैसा कि समृद्धि सकुनिया के ट्विटर पोस्ट से पता चला है।

त्रिपुरा पुलिस ने अनुसार अमरावती और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में हाल की हिंसा की स्थिति को सांप्रदायिक घटना के नतीजे को देखते हुए यह स्पष्ट हो गया है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व त्रिपुरा में सांप्रदायिक घटना को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

एक बयान में कहा गया है कि पुलिस ने दोनों पत्रकारों से उनके वीडियो(Video) में दिखाई देने वाले दस्तावेजों को साझा करने के लिए कहा, लेकिन अगरतला आने के बजाय, दोनों पत्रकार असम की ओर भाग गईं। साथ ही साथ यह भी कहा गया है कि वे उत्तरी त्रिपुरा जिले के पॉल बाजार में सांप्रदायिक नफरत फैलाने में भी शामिल पाई गईं और उनके खिलाफ फातिकरॉय पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक अन्य मामला भी दर्ज किया गया।

input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta

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