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“केजरीवाल मॉडल” से फेल दिल्ली, अब क्या अन्य राज्यों की बारी?

NewsGram Desk

राजधानी दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जोरों – शोरों से लगी हुई है। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा था कि AAP पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, गोवा, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। तभी ये सरकार चुनावी अभियान में जुटी है। 

आपको बता दें कि इन सभी राज्यों में पार्टी अपना प्रचार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। अभी हाल ही में दिल्ली सरकार प्रचार का एक नमूना पेश किया है। जहां न केवल राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में बल्कि बिहार, राजस्थान, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब आदि के क्षेत्रीय समाचारपत्रों में पूरी पेज का विज्ञापन जारी किया था। सिसोदिया जी ने कहा था पार्टी राज्यों में "केजरीवाल विकास मॉडल" को लोगों के बीच ले जाएगी। लेकिन दिल्ली सरकार का "विकास मॉडल" "विज्ञापन मॉडल" में बदल चुका है। 

दिल्ली सरकार सत्ता की कुर्सी हासिल करने के लिए कई तरीके अपनाती है। जिसमें से सबसे जाना – माना तरीका है "मुफ्त का बांटना" दिल्ली में फ्री पानी, फ्री बिजली के नाम पर जनता को लूट कर अब दूसरे राज्यों में भी यही एजेंडा अपनाया जा रहा है। हाल ही में पंजाब (Punjab) और उत्तराखंड (Uttarakhand) दौरे पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा "यहां के राज्य अपनी बिजली खुद बनाते हैं फिर भी यहां बिजली बहुत महंगी है।" अगर आप आदमी पार्टी सत्ता में आती है तो 300 यूनिट तक बिजली बिल फ्री कर दिया जाएगा। लेकिन फ्री बिजली के पीछे की सच्चाई क्या है दिल्ली के लोगों से जानिए। असली तस्वीर क्या है देखिए। 

जब आम आदमी पार्टी ने सत्ता में कदम रखा तभी अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) जी ने कहा था हम दिल्ली की यमुना नदी (Yamuna River) को लंदन झील सा निर्मित करेंगे। यह सबसे साफ और दिल्ली की सबसे सुंदर जगह मानी जाएगी। 2015 में सरकार ने कहा "हम यमुना को 5 साल में इतना साफ कर देंगे की लोग इसमें डुबकियां लगाएंगे। फिर 2017 में कहा 3 साल में यमुना को स्वच्छ कर देंगे। लेकिन देखिए दिल्ली सरकार का यमुना के प्रति व्यवहार 2021 में भी अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। यमुना में बढ़ती गंदगी के कारण आम जनता को भारी पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। कई इलाकों में लंबी – लंबी लाइनें देखने को मिलती है। 

बहरहाल अरविंद केजरीवाल और उनकी दिल्ली सरकार का विज्ञापनों (Advertisement) पर पैसा उड़ाना और जनता को लूटना नया नहीं है। जब से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं, आप सरकार अपनी छवि चमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ती है। आपको यह भी बता दें कि केजरीवाल सरकार पिछले करीब दो सालों में लगभग 800 करोड़ रुपए से अधिक विज्ञापनों पर खर्च कर चुकी है।

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