आज पूरे देश में 88 वां वायु सेना दिवस मनाया जा रहा है। (IAF, Twitter)  
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भारतीय वायु सेना : वीरता की निशानी

NewsGram Desk

भारतीय वायु सेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को वायु सेना के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। आकाश में पंख फैलाये इसकी वीरता ने हमेशा ही देश को महफूज़ रखा है। भारतीय वायु सेना देश की संस्कृति को किस तरह अगोरे बैठी है इसका अंदाजा तो उसके आदर्श वाक्य से ही लगाया जा सकता है।
' नभ: स्पृशं दीप्तम ' ; नभ: स्पृशं का अर्थ है, आकाश छूता हुआ और दीप्तम का अर्थ है, ज्योतिर्मय।

अपनी छत पर खड़ा बच्चा जब आसमान में वायु सेना का जहाज देखता है तो उसकी छोटी आँखों के सपने बड़ी उड़ान भरने लगते हैं। भारत का कोई भी नागरिक जब अपाचे और एम 35 के करतब देखता है तो अलबत्ता उसकी ज़बान पर जय हिन्द की टंकार होती है।

जब वैश्विक स्तर पर कोई भी भारत की स्क्वाड्रन लीडर मिन्टी अग्रवाल के हाथों में वीरता पदक देखता है तो उसका सर गर्व से ऊँचा हो जाता है।

स्क्वाड्रन लीडर मिन्टी अग्रवाल भारतीय वायु सेना की एक फाइटर कंट्रोलर हैं। वह उस टीम का हिस्सा थीं, जिसने साल 2019 में भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान का नेतृत्व किया था।

भारतीय वायु सेना का प्रतीक चिन्ह। (Wikimedia Commons)

उनके साथ साथ पिछले साल बालाकोट में संचालित अभियान में शामिल भारतीय वायु सेना के दो अन्य अधिकारियों को भी 88वें वायु सेना दिवस के अवसर पर वीरता पदक से सम्मानित किया गया।

युद्ध सेवा पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों में स्क्वाड्रन लीडर मिन्टी अग्रवाल, ग्रुप कैप्टन हंसल सीक्वेरा और ग्रुप कैप्टन हेमंत कुमार वडस्रा शामिल हैं।

युद्ध क्षेत्र में आसाधारण सेवा व कर्तव्यों के निर्वहन के मद्देनजर युद्ध सेवा पदक दिए जाते हैं।

पुलवामा का बदला

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पिछले साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला बोला था। भारत में किए गए इस आतंकी हमले में कुल 40 सैनिक शहीद हुए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को किए गए हमले की जिम्मेदारी ली थी।

स्रोत- आईएएनएस

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