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International Nurses Day 2021: हमारी कृतज्ञता नर्सों के साथ!

NewsGram Desk

2020 और 21 में कोविड (Covid) महामारी के कारण पूरी दुनिया इस संक्रमण से लड़ रही है। दुनिया भर में अब तक 3 मिलियन से भी अधिक मौतें हो चुकी है। एक तरफ जहां पूरी दुनिया "घर पर रहें, सुरक्षित रहें" की बात बोलते थक नहीं रही, वहीं दूसरी तरफ इतनी भयावहता के बावजूद, हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता – डॉक्टर, नर्स (Nurses) और अन्य सभी लोग वायरस से लड़ने और जीवन बचाने में अपनी जी तोड़ कोशिश करने में लगे हैं। अपना घर, परिवार छोड़ कर यह सभी कार्यकर्ता अपनी जान की चिंता किए बगैर दूसरों की जान बचा रहे हैं।

महामारी (Pandemic) के खिलाफ चल रही इस वैश्विक लड़ाई में नर्सेस भीं, डॉक्टर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। नर्सेस हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की रीड हैं। रोगियों की प्राथमिक देखभाल करना, उन्हें उपचार प्रदान करना, कोविड का टीका लगाना आदि। नर्सें आज सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य कर रहे हैं। 

आज यानी 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उन सभी नर्सों पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला है। जो महामारी से लड़ने में सबसे आगे खड़े हैं इसलिए इस वर्ष की थीम नर्स : ए वॉयस टू लीड, ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थ केयर है। यह अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस दुनिया भर में नर्सों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए विशेष महत्व रखता है।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल (Florence Nightingale) (Wikimedia Commons)

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day), नर्सों को सम्मानित करने के लिए 12 मई को हर साल मनाया जाता है। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स ने 1953 में पहली बार यह दिवस मनाया था। एक अमेरिकी स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी, डोरोथी सुंदरलैंड ने "नर्स डे" घोषित करने के लिए, तत्कालीन राष्ट्रपति ड्वाइट डी आइजनहावर को प्रस्ताव भेजा था। लेकिन उन्होंने इसे मंजूर नहीं किया था। बाद में 1974 में, 12 मई को नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती के दिन इस दिन को मनाने के लिए चुना गया।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल कौन थीं?

नाइटिंगेल एक प्रसिद्ध समाज सुधारक थीं। क्रीमियन युद्ध (Crimean War) के दौरान, उन्होंने नर्स के प्रबंधक और प्रशिक्षक के रूप में सेवा की थी। घायल सैनिकों के देखभाल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके प्रयासों के कारण, 1860 में लंदन के थॉमस अस्पताल में नाइटिंगेल के नर्सिंग स्कूल की स्थापना के साथ आधुनिक नर्सिंग की नींव रखी गई थी। यह दुनिया का पहला धर्मनिरपेक्ष स्कूल था। आज नाइटिंगेल के नाम पर, नाइटिंगेल पदक नर्सों के लिए सर्वोच्च अंतर्राष्ट्रीय पदक माना जाता है।  

हमें याद रखना चाहिए कोविड – 19 महामारी में नर्सेस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। नर्सों के बिना इस लड़ाई को जीत पाना बहुत मुश्किल है। 

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