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जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए निर्णायक कदम लेना ज़रूरी : जावडेकर

NewsGram Desk

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारत पेरिस समझौते पर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में अग्रसर है। देश अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) पर काम कर रहा है। जावडेकर ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जो 2 डिग्री के सिद्धांत का अनुसरण करते हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने में न केवल सरकारी स्तर पर बल्कि निजी स्तर पर भी कई निर्णायक कदम उठाए गए हैं जो हमारी प्रतिबद्धता और संकल्प को दर्शाता है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरुवार को जलवायु परिवर्तन विषय पर वर्चुअल भारत सीईओ फोरम में उद्योगजगत की 24 अग्रणी हस्तियों की ओर से हस्ताक्षरित एक घोषणा जारी करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र की कंपनियों की ओर से यह घोषणा एक ऐतिहासिक कदम है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, "दुनिया कहती है और कई चीजों का प्रचार करती है लेकिन व्यवहार में लाना ज्यादा मुश्किल काम है। मुझे लगता है कि आज संयुक्त राष्ट्र का पारिस्थितिकी तंत्र और यूएनएफसीसीसी, भारत और उसके उद्योगजगत की इस पहल का ध्यान रखेंगे और अपनी कार्बन तटस्थता की योजनाओं का पालन करेंगे और इसकी घोषणा करेंगे।"

उद्योगजगत के लिए कुछ सुझाव

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने उद्योगजगत को सुझाव दिया कि वे इसे लागू करें और सरकार को बताएं कि वे क्या कदम और पहल कर रहे हैं जो कि कार्बन से मुक्ति की ओर ले जा रहे हैं और कार्रवाई करने के लिए सरकार को प्रदूषणकारी गतिविधियों के बारे में बताएं। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हमें उन्नत अर्थव्यवस्थाओं से वित्तीय और तकनीकी सहायता पर हमारे आग्रह के बारे में एक ही स्थान पर होना चाहिए ताकि भारत भी आगे का रास्ता तय कर सके।

इस आयोजन में अनेक सीईओ और टाटा, रिलायंस, अडानी समूह, महिंद्रा, सन फार्मा, डॉ. रेड्डी आदि जैसे प्रमुख उद्योगों के प्रमुखों ने विभिन्न स्वच्छ प्रक्रियाओं और पहलों के बारे में चर्चा की और 2020 के बाद कार्बन से अधिकाधिक मुक्ति के बारे में बताया। (आईएएनएस)

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