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BJP छोड़ने के पीछे विधायकों के हैं  व्यक्तिगत स्वार्थ : सिद्धार्थ नाथ सिंह

NewsGram Desk

उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक है, चुनावी माहौल में कई नेता अपने निजी फायदे को देखते हुए दल बदलने लगे हैं। जिनको आभास हो रहा है पार्टी उनका टिकट काट सकती है या उनको अपने मनपसंद विधानसभा सीट से हटा सकती है वह नेता अब दूसरी पार्टी में अपने फायदे को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।

भारतीय राजनीतिज्ञ एवं भारतीय जनता पार्टी (उत्तर प्रदेश सरकार) में मंत्री, इलाहाबाद पश्चिम (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि, " मंत्री और विधायकों के पार्टी छोड़ने के कई कारण है ! व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए मंत्री और विधायक दल बदल रहे हैं। पार्टी छोड़ रहे नेताओं को डर है कि उन्हें उनकी मनपसंद विधानसभा सीट से टिकट नहीं दिया जाएगा इन सभी लोगों ने पांच साल तक भारतीय जनता पार्टी में मलाई खाने का काम किया है।"

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आगे कहा कि "भारतीय जनता पार्टी जनता से अपने विधायकों के बारे में फीडबैक लेती है और उस आधार पर भरतीय जनता पार्टी विधायकों को टिकट देती है या काटती है !" भारतीय जनता पार्टी जनता के अपने विधायक के नकारात्मक फीडबैक के आधार पर जब नेताओं का टिकट काटती है तो यह लोग पार्टी छोड़ के अन्य पार्टियों में अपनी दाल गलाने की कोशिस करते हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पार्टी में ऐसे लोगों के लिए दरवाजे खुले हैं। अखिलेश यादव सबको पार्टी में शामिल कर लें, हमे इससे कोई एतराज नही है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी इस बार भी 300 से अधिक सीटों पर अपनी जीत दर्ज करेगी।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ चुके कई विधायकों द्वारा उठाये जा रहे दलित और पिछडों के मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा कि "उत्तर प्रदेश में पिछड़ों और दलितों को भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भरतीय जनता पार्टी को छोड़ने वाले विधायक पिछड़ों और दलितों के हित में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के किसी 10 योजनाओं के नाम बता कर देखें। समाजवादी पार्टी सिर्फ मुसलमानों और यादवों की बात करती है समाजवादी पार्टी से मैं कहूंगा की अन्य पिछड़ी जातियाँ उनका साथ कभी नही देंगी।

बता दें कि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी को छोड़ के समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले मंत्री एवं विधायक उत्तर प्रदेश के वर्तमाम सरकार को पिछडो एवं दलितों का विरोधी बताया। उत्तर प्रदेश की सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रशाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। दल बदल रहे नेताओं के द्वारा उठाये जा रहे इन बेबुनियाद मुद्दों पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एएनआई से बात करते हुए पलटवार किया।

Various source; Edited by – Abhay Sharma

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