भारतीय नौसेना अपनी बढ़ती वैश्विक पहुंच का संकेत देते हुए 21 देशों और 22 बहु-राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री गतिविधियों से संबंधित सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए संयुक्त रूप से कार्य कर रही है।
भारतीय नौसेना हर समय हिंद महासागर क्षेत्र में 12,000 जहाजों और 300 मछली पकड़ने के जहाजों की निगरानी करती है। इसके अलावा, समुद्र में लगभग तीन लाख मछली पकड़ने वाले भारतीय जहाज चल रहे हैं और उनकी गतिविधियों पर भी नौसेना की नजर बनी रहती है।
हिंद महासागर क्षेत्र में दुनिया के समुद्री व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा कवर होता है और वैश्विक उपभोग का 50 प्रतिशत इसके माध्यम से गुजरता है। यही वजह है कि कई देशों के सुरक्षा उपायों को इसमें शामिल किया गया है।अब भारतीय नौसेना अपने सूचना संलयन केंद्र (इन्फर्मेशन फ्यूशन सेंटर) के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र में वास्तविक समय की जानकारी (रियल टाइम इन्फर्मेशन) प्राप्त करने में सक्षम है।
भारत जिन 21 देशों के साथ हिंद महासागर में सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए एक सहयोग के तहत काम कर रही है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली, जापान, मालदीव, अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरीशस, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे देश शामिल हैं। इसके साथ ही भारत 22 अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी मिलकर क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रख रहा है।गुरुग्राम में स्थित इंटरनेशनल फ्यूशन सेंटर, दिसंबर 2018 में सदस्य देशों को समुद्री जानकारी प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
तीन देशों फ्रांस, जापान और अमेरिका ने समुद्री गतिविधियों के बेहतर समन्वय और वास्तविक समय साझा करने के लिए अपने संपर्क अधिकारियों को केंद्र में भेज दिया है, जबकि कई और देशों की ओर से कोविड-19 महामारी खत्म होने के साथ ही अपने-अपने संपर्क अधिकारियों की तैनाती करने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय नौसेना को 36 देशों के साथ श्वेत नौवहन समझौते (व्हाइट शिपिंग एग्रीमेंट) के लिए आगे बढ़ना है, जिनमें से 22 पर हस्ताक्षर भी किए जा चुके हैं।
इस महीने की शुरुआत में क्वाड (चार देशों का समूह) की नौसेनाओं के बीच 'मालाबार' समुद्री अभ्यास किया गया था। इसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल थे। हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने और सुरक्षा मामलों को चाक-चौबंद करने के लिए चारों देशों की नौसेना ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में दो चरणों में अभ्यास आयोजित किया गया था। (आईएएनएस)