जैक डोर्सी की जगह ट्विटर के नए भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) को मंगलवार को अपने ही प्लेटफॉर्म पर 11 साल पुराने एक ट्वीट के लिए ट्रोल किया गया, जिसमें नस्लवाद के ऊपर टिप्पणी की गई थी। 2010 में, जब वह ट्विटर के कर्मचारी भी नहीं थे, तब अग्रवाल ने अमेरिका में नस्लवाद और इस्लामोफोबिया का मजाक उड़ाते हुए एक कॉमेडियन का हवाला दिया था।
अग्रवाल ने 26 अक्टूबर, 2010 को पोस्ट किए गए ट्वीट में कहा था, "अगर वे मुसलमानों और चरमपंथियों के बीच अंतर नहीं करने वाले हैं, तो मैं गोरे लोगों और नस्लवादियों के बीच अंतर क्यों करूं?"
इस पर सवाल उठाते हुए, कोलोराडो के चौथे कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले रिपब्लिकन केन बक ने पूछा कि कैसे उपयोगकर्ता ट्विटर के नए सीईओ पर सभी के साथ समान व्यवहार करने पर भरोसा कर सकते हैं।
हालांकि, अग्रवाल ने एक यूजर को अपनी टिप्पणी स्पष्ट करने में जल्दबाजी की। उन्होंने पोस्ट किया, "मैं द डेली शो से आसिफ मांडवी को उद्धृत कर रहा था। आप जो लेख पढ़ रहे हैं वह मेरी वर्तमान मानसिक स्थिति के लिए बहुत गहरा लगता है।"
अग्रवाल (Parag Agrawal) ने फेसबुक के बारे में भी पोस्ट किया और कहा कि "सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी केवल समय की बर्बादी है। फेसबुक एक जेल की तरह है। आप आसपास बैठते हैं, समय बर्बाद करते हैं, एक प्रोफाइल चित्र रखते हैं, वाॅल पर लिखते हैं और उन लोगों द्वारा पोक किए जाते हैं जिन्हें आप नहीं जानते (गिज्मोडो के माध्यम से)।"
अग्रवाल ने पहले ट्वीट किया था, "फेसबुक गंभीर रूप से गड़बड़ है। जब आप किसी ऐसे ऐप का उपयोग करते हैं जो एचटीटीपीएस नहीं करता है तो एचटीटीपीएस सेटिंग्स वापस एचटीटीपी पर वापस आ जाती हैं।"
बता दें कि अग्रवाल 2022 में डोर्सी से सीईओ के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही अग्रवाल यूएस में भारतीय मूल के प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ के एक चुनिंदा समूह में शामिल हो गए हैं। (आईएएनएस)
Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh