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पाकिस्तान अलकायदा नेतृत्व के साथ ही “डी-कंपनी” को अपने यहां पनाह देता है : दिल्ली पुलिस

NewsGram Desk

पाकिस्तान जिहादी आतंकवाद का मुख्य निर्यातक है और इसने अलकायदा नेतृत्व के साथ ही डी-कंपनी को अपने यहां पनाह दी है। वह फेक इंडियन करंसी नोट्स (एफआईसीएन) का एक नेटवर्क भी चलाता है। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। सात पड़ोसी देशों – पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार और बांग्लादेश – का उल्लेख करते हुए दिल्ली पुलिस ने संवाददाताओं से कहा कि भारत इन देशों में मौजूद तत्वों से लगातार आतंकी खतरे का सामना कैसे कर रहा है।

म्यांमार के लिए, दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसके पास रोहिंग्या कट्टरपंथीकरण में सक्रिय इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) सेल-नेटवर्क है। चीन और आईएसआई ने भी पूर्वोत्तर में विद्रोही समूहों का समर्थन किया है।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि नेपाल में आईएसआई सेल सक्रिय है और यह आतंकी अभियानों के साथ ही भारत के भीतर एफआईसीएन को आगे बढ़ाने के लिए छिद्रयुक्त (पोरस) सीमाओं का उपयोग करता है।

पुलिस ने कहा कि भारत को इस्लामिक स्टेट खुरासान  और हक्कानी नेटवर्क से खतरा है | (सांकेतिक चित्र ,Pixabay)

पुलिस ने कहा कि मालदीव में सक्रिय आईएसआई सेल और सक्रिय विदेशी लड़ाके हैं।

अफगानिस्तान के लिए, दिल्ली पुलिस ने कहा कि भारत को इस्लामिक स्टेट खुरासान, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क (एचक्यूएन) से खतरा है और साथ ही यहां के मार्ग से मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर भी पुलिस ने चिंता जताई। दिल्ली पुलिस ने माना कि आईएसआई द्वारा अफगान पासपोर्ट का उपयोग करते हुए आतंकी गुर्गों की घुसपैठ के तौर पर भी भारत को आतंकी खतरे का सामना करना पड़ता है।
 

बांग्लादेश के लिए, पुलिस ने कहा कि उसके पास सक्रिय आईएसआई सेल है, जो कि भारत में आतंकी अभियानों के अलावा एफआईसीएन धकेलने का काम भी करता है।

श्रीलंका के संबंध में बात करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि भारत लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) समूह से आतंकी खतरे का सामना कर रहा है। यहां पर भी सक्रिय आईएसआई सेल मौजूद है, जो कि एफआईसीएन के साथ-साथ मादक पदार्थों की तस्करी में भी लिप्त है |(आईएएनएस)

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