भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से थमी भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटेगी। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि देश अभी भी कोरोना वायरस के प्रभाव में है और विकास की रफ्तार धीरे-धीर लौटेगी। वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में स्थितियां सुधरी हैं।
उन्होंने कहा, फिर भी, कृषि गतिविधियों और विनिर्माण और निजीकरण के लिए परचेिंजंग मैनेजिंग इंडेक्स (पीएमआई) से जो संकेत मिले हैं, उससे लगता है कि दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों का स्थिरीकरण हो सकता है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में संकुचन (कांट्रैक्शन) भी कम हो रहे हैं।
रिकवरी, हालांकि अभी तक पूरी तरह से नहीं है लेकिन कुछ क्षेत्रों में जून और जुलाई में सुधार हुआ है। सभी संकेतों से लगता है कि रिकवरी धीरे-धीरे होने की संभावना है क्योंकि अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की दिशा में प्रयासों को बढ़ते संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है।
अर्थव्यवस्था कि रिकवरी धीरे-धीरे होने की संभावना है। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)
दास के अनुसार, भारत में वित्तीय बाजार की स्थितियों में भी काफी सुधार हुआ है और रेपो रेट में कटौती से फाइनेंसियल सिस्टम में पैसा आया है।
उन्होंने कहा कि सरकार खर्च करने के लिए बैंकों से या दूसरे तरीकों से कर्ज भी ले रही है जिससे सिस्टम में तरलता (लक्वीडिटी) बढ़े और संसाधनों को जुटाने में मदद मिले।(आईएएनएस)