अनुपम खेर, बॉलीवुड अभिनेता(Image: Wikimedia Commons)  
ब्लॉग

सुशांत की मौत का एक लॉजिकल एंड बहुत जरूरी है: अनुपम खेर

NewsGram Desk

बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने सुशांत सिंह राजपूत के मौत पर खुल कर बात की। उन्होंने कहा कि इतने उतार-चढ़ाव के बाद अब यह केस निर्णायक अंत तक पहुंचना चाहिए। क्योंकि उनके परिवार और फैंस को सच जानने का हक है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, "सुशांत के परिवार और फैंस को सच जानने का हक है। इतना कुछ कहा जा चुका है, इतनी सारी साजिशों की बातें चल रही हैं, लेकिन कौन किस साइड है, मुद्दा अब यह नहीं रहा, अब यह केस निर्णायक अंत तक पहुंचना चाहिए। हमें सच जानना है। हैशटैग जस्टिस फॉर सुशांत।"

दिग्गज अभिनेता ने एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा, "सुशांत सिंह राजपूत की मौत का किस्सा 14 जून से अब तक जहां पहुंचा है, इतने उतार-चढ़ाव के बाद तो इस पर न बोलना आंख मूंदने वाली बात है। बहुत दिनों तक मैंने नहीं बोला है या शायद बहुत से लोग नहीं बोलना चाह रहे क्योंकि समझ नहीं आ रहा कि क्या बोलें लेकिन अब जो स्थिति एक नजर आ रही है, उसमें बिना किसी को दोष दिए हुए इतना तो हमारा फर्ज बनता है कि हम उसको एक लॉजिकल एंड तक लेकर जाएं।"

उन्होंने कहा, "एक सह-कलाकार होने के नाते, एक को-ऐक्टर होने के नाते, एक इंसान होने के नाते, वह किसी का बेटा है, किसी का भाई है। हम सबने उसकी प्रशंसा की है और उसने बहुत अच्छा काम किया है। इस समय चुप रहना, जरूरी नहीं है कि हमें किसी को क्रिटिसाइज करना है। उसकी मौत का एक लॉजिकल एंड बहुत जरूरी है। यह कैसे हो सकता है, इसमें कौन कसूरवार है, और कौन नहीं है, यह फैसला तो होना ही चाहिए। न केवल मेरा, न उसके फैंस का, 50 हजार थ्योरी हैं, हम उससे एग्री करें या ना करें, लेकिन उनके परिवार, रिश्तेदार इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं। उनको तो हमको महसूस कराना चाहिए की हम उनके साथ हैं। आंख मूंदना तो कायरता की निशानी है और कायर होना अच्छी बात नहीं है।" (आईएएनएस)

8 अक्टूबर: जानें इस दिन से जुड़ी कुछ खास घटनाएं

जब बारात लेकर सुरैया के घर पहुंच गया था फैन, हटाने के लिए लेनी पड़ी थी पुलिस की मदद

काजल राघवानी और अरविंद अकेला की भोजपुरी फिल्म 'प्रेम विवाह' की शूटिंग शुरू

चुनाव आयोग ने नहीं दिया जवाब, 14 नवंबर को बिहार में बनेगी इंडिया ब्लॉक की सरकार: सुरेंद्र राजपूत

ओरल कैंसर रिस्क को रोकने के लिए तंबाकू उत्पादों पर गंभीर चेतावनी संकेत आवश्यक: अध्ययन