डॉ मुनीश रायज़ादा द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री सीरीज़, 'ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता' इस समय भारतीय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, एमएक्स प्लेयर पर नि:शुल्क उपलब्ध है। भारत का हर नागरिक अब इस डॉक्यूमेंट्री को देख कर राजनीति में राजनीतिक फंडिंग की पारदर्शिता के महत्व को समझ सकेगा।
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7 एपिसोड्स में बनी यह डॉक्यूमेंट्री अन्ना आंदोलन और आम आदमी पार्टी की झकझोर देने वाली अंदरूनी कहानियों को, जनता के सामने कलात्मक ढंग से उजागर करती है।
'ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता' इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के भीतर चल रही राजनीतिक हलचल से गुज़र कर आम आदमी पार्टी की उदय गाथा और फिर उसके पतन के कारण पर भी प्रकाश डालती है।
ऐंकर की भूमिका में डॉ रायज़ादा स्वयं, अनेक राजनीतिक हस्तियों का साक्षात्कार करते हैं। जिनके बयान आपको दिल्ली सरकार की व्यवस्था पर सोचने को मजबूर कर देंगे। यह वही राजनीतिक हस्तियाँ हैं जो एक समय में आम आदमी पार्टी का हिस्सा हुआ करते थे।
ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता।
रायज़ादा बताते हैं कि डॉक्यूमेंट्री 'आप' के मूल सिद्धांतों का विश्लेषण करती है। चंदा चोरी के इर्द-गिर्द घूमते हुए यह सीरीज़ आम आदमी पार्टी में पारदर्शिता से जुड़े सवालों की खोज करते हुए, देश – विदेश में भटकती दिखाई देती है।
यूँ ही गहन चिंतन करते हुए 'ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता' के गीत भी डॉक्यूमेंट्री की विषय वस्तु को और ठोस रूप प्रदान करते हैं। देखा जाए तो यह डॉक्यूमेंट्री अपने आप में एक अनोखी और साहसिक पहल है।
डॉ मुनीश रायज़ादा शिकागो में स्थित एक नियोनेटोलॉजिस्ट हैं जिन्होंने 'आप' के पूर्व पदाधिकारी के रूप में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई थी। चंदा बंद सत्याग्रह के संयोजक डॉ रायज़ादा ने दिल्ली सरकार के चंदा चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 'ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता' के माध्यम से देश के लोगों को जागरूक किया है।