प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Wikimedia Commons)  
ब्लॉग

एससीओ सम्मेलन में क्या कहा प्रधानमंत्री मोदी ने

NewsGram Desk

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन को संम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चरमपंथ और कट्टरपंथ की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एससीओ द्वारा एक खाका विकसित करने का आह्वान किया। 21वीं बैठक को संम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य एशिया में अमन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है विश्वास की कमी।

इसके अलावा, पीएम मोदी ने विश्व के नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि मानवीय सहायता अफगानिस्तान तक निर्बाध रूप से पहुंचे। मोदी ने कहा, "अगर हम इतिहास में पीछे मुड़कर देखें, तो हम पाएंगे कि मध्य एशिया उदारवादी, प्रगतिशील संस्कृतियों और मूल्यों का केंद्र रहा है।
"भारत इन देशों के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और हम मानते हैं कि भूमि से घिरे मध्य एशियाई देश भारत के विशाल बाजार से जुड़कर अत्यधिक लाभ उठा सकते हैं"

उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास सुनिश्चित करने के लिए, कनेक्टिविटी परियोजनाएं परामर्शी, पारदर्शी और सहभागी होनी चाहिए। मोदी ने एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचे (आरएटीएस) द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और समूह के सदस्यों से आरएटीएस की भारत की अध्यक्षता के दौरान आयोजित की जा रही गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने एससीओ के एक नए सदस्य राज्य के रूप में ईरान का स्वागत किया, और सऊदी अरब, मिस्र और कतर को नए संवाद भागीदारों के रूप में कहा, यह विस्तार समूह के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए कट्टरता से लड़ना जरूरी है जिससे इस क्षेत्र में शांति बनी रहेगी जो सभी के लिए जरूरी है। (IANS:TS)

मिसिसिपी से रॉकीज़ तक, कैसे बना अमेरिका 13 से 50 राज्यों का राष्ट्र?

50 साल का साथ और फिर भी अधूरी रही मोहब्बत, अशोक कुमार की दिल को छू लेने वाली कहानी

‘संघर्ष से स्टारडम’ तक, कैसे बदली आकाश दीप की जिंदगी की पिच?

भ्रष्टाचार की बेकाबू रफ्तार में मात खाता लोकपाल की धीमी चाल !

ट्रेन की मुलाकात से शादी तक : शत्रुघ्न और पूनम की कहानी, जहां आंसुओं से शुरू हुई थी मोहब्बत