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बांग्लादेश हो या बंगाल सब जगह है हिंदुओं के लिए स्थिति एक​समान!

Lakshya Gupta

नवरात्रि का पर्व समाप्त हो चुका है देश ही नहीं अपितु विदेश में भी दुर्गा विसर्जन के कार्यक्रम जगह जगह चल रहे हैं। लेकिन किसी धर्म विशेष के कुछ लोगों को यह विसर्जन रास नहीं आ रहा है। सबसे पहले हमने अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश में देखा था कि किस तरीके एक गलत अफवाह फैलाकर नवरात्रि के पर्व में हिंदुओं का कत्लेआम किया गया जो अभी भी चालू है। अब प्रश्न उठता है बांग्लादेश में यह घटना क्यों संभव हो पाई? क्योंकि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। वहां पर ना बांग्लादेश की सरकार और ना ही पुलिस प्रशासन हिंदुओ की सुनते हैं, जिस कारण ऐसी दर्दनाक घटना घटित होती है।

लेकिन जब अपने भारत देश में भी ऐसी कुछ घटनाएं सामने आ रही है, जहां पर हिंदू समाज बहुसंख्यक हैं तो प्रश्न उठना स्वाभाविक है। आपको भारत में हुई कुछ घटनाएं बताते हैं। सबसे पहले ऐसी घटना छत्तीसगढ़ में देखने को मिली जहां दुर्गा विसर्जन में जा रहे हैं भक्तों पर एक तेज स्पीड से आती हुई गाड़ी रौंद कर चली गई और जिसके बाद इसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया। इस वीडियो को देखकर साफ पता चल रहा था कि यह घटना जानबूझकर करवाई गई है। इस घटना में 10 से ज्यादा लोग घायल और 1 लोग की मृत्यु होने की खबर है। इसके अलावा ऐसी घटना मध्य प्रदेश में भी देखने को मिली जहां पर बीजेपी की सरकार है। यह घटना भोपाल के बजरिया थाना क्षेत्र में हुआ जब दुर्गा विसर्जन के लिए भीड़ जमा थी इसी दौरान अचानक एक कार भीड़ में घुस गई और कार चालक ने कार को तेज रफ्तार से रिवर्स में चलाना शुरु कर दिया जिसके कारण भगदड़ मच गई और कई लोग घायल हो गए जिसमें एक बच्चा भी शामिल है।


इसके अलावा पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक घटना सामने आई है जहां अज्ञात लोगों ने दुर्गा विसर्जन कर लौट रहे लोगों पर देसी बम से हमला बोल दिया था। इसके अलावा उन अज्ञात लोगों ने गाड़ियों में भी तोड़फोड़ करी। बताया जा रहा है कि हमलावर हमला करके मौके से फरार हो गए। खैर वैसे भी हम लोग को पश्चिम बंगाल की घटना से ज्यादा विचार नहीं करना चाहिए क्योंकि पश्चिम बंगाल में किसी व्यक्ति या स्थान पर बम फेंकना या हमला करना एक साधारण सी बात है जिसका प्रमाण पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव होने के बाद होने वाली हिंसा ने दे दिया था।

निष्कर्ष के रूप में हम यही कह सकते हैं कि, चाहे वह बांग्लादेश हो या भारत हर जगह प्रताड़ित हिंदू ही क्यों हो रहा है? चाहे वह बहुसंख्यक हो या अल्पसंख्याक शोषण हिंदुओं का क्यों हो रहा है? कहां गए वह मानवाधिकार के कार्यकर्ता जो CAA कानून को गलत बता रहे थे। अब सब जगह सन्नाटा फैल गया है क्योंकि पीड़ित हिंदू है और जिसने पीड़ा दी है उसके खिलाफ वो कुछ बोल नहीं सकते।

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