मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के बगल में स्थित है मस्जिद।(Twitter) 
ब्लॉग

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले क्यों मची है कृष्ण जन्मभूमि में हलचल?

NewsGram Desk

आप सभी को याद होगा लोकसभा चुनाव 2019(Lok Sabha Elections 2019) के पहले 6 दिसंबर को किस तरह माहौल तैयार किया जा रहा था, ऐसा लग रहा था कि सरकार साधु संतों के दबाव में मंदिर निर्माण के लिए कुछ कदम उठाने जा रही है इसी तरह अबकी बार तैयारी कृष्ण जन्म भूमि के लिए लग रही है। दरअसल, थुरा(Mathura) में एक संगठन ने घोषणा की है कि वह 6 दिसंबर को शाही ईदगाह में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करेगा, इसलिए वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मस्जिद कृष्ण जन्मस्थान मंदिर के पास में है।

एसएसपी (Mathura) गौरव ग्रोवर ने कहा, "जिले में पहले से ही धारा 144 लागू है। अफवाह फैलाने वालों या शहर के शांतिपूर्ण माहौल को बाधित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमें जानकारी मिली है कि कुछ संगठन 6 दिसंबर को एक कार्यक्रम या एक पैदल मार्च (ईदगाह तक) आयोजित करने की कोशिश कर रहे हैं।" प्रशासन ने उनमें विश्वास जगाने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद स्थापित किया है। एसएसपी ने लोगों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ मिलकर काम करने की अपील की है।

मथुरा(Mathura) में अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत करने वाले सर्कल अधिकारी (शहर) अभिषेक तिवारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि प्रशासन ने सुरक्षा उपाय किए हैं और कहा, 'किसी को भी शरारत करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ईदगाह(Idgah) पर अनुष्ठान करने की धमकी ऐसे समय में आई है जब एक स्थानीय अदालत 17वीं सदी की मस्जिद को हटाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। हालांकि पुलिस ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति जारी नहीं की गई है और किसी को भी अनुमति नहीं दी जाएगी।

यह भी पढ़े – मस्जिद है तो सड़क पर नमाज क्यों?

इस बीच, मथुरा में कौमी एकता मंच(Quami Ekta Manch) के सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(yogi Adityanath) से 6 दिसंबर को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है। मंच के संस्थापक मधुवन दत्त चतुवेर्दी ने कहा कि शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान के प्रबंधन के बीच यथास्थिति बनाए रखने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए 53 साल हो चुके हैं। हाल ही में, अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा, भारत के 90 से ज्यादा मंदिर के पुजारियों के एक 60 वर्षीय निकाय ने कहा कि इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से उठाया जा रहा है और सभी संबंधित दलों को और ज्यादा सावधान रहना चाहिए क्योंकि यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

input : आईएएनएस ; Edited by Lakshya Gupta

न्यूज़ग्राम के साथ Facebook, Twitter और Instagram पर भी जुड़ें/

एक Sparrow Man की कहानी, जिनकी मेहनत से बचा हजारों गोरैयों का परिवार!

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह