8 जनवरी को चुनाव आयोग(Election Commission of India) द्वारा जारी के गए 5 राज्यों के विधान सभा चुनावों(Vidhan Sabha Election 2022) के तारिखों के ऐलान से चुनावी गहमा-गहमी चरम पर है। आपको बता दें कि वर्ष 2022 में 5 अहम राज्यों में विधान सभा चुनाव आयोजित होने जा रहे हैं। यह राज्य हैं उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखण्ड, गोवा एवं मणिपुर। साथ ही उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में होने जा रहे चुनाव को 7 चरणों में बांटा गया है, मणिपुर 2 चरणों में और गोवा, उत्तराखण्ड, पंजाब(Punjab) में चुनाव 1 चरण में आयोजित किया जाएगा। चुनाव तारीखों के घोषित होने बाद सभी राजनीतिक दल एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं और हर वह हथकंडा अपना रहे हैं जिससे मतदाता आकर्षित हों। साथ ही अब यह भी संभावना अधिक है कि इस बीच चुनावी जमाखोरी बढ़ जाएगी।
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हालही में समाजवादी इत्र निर्माता पुष्पराज जैन के 35 ठिकानों पर हुई आयकर रेड ने यह साफ कर दिया है कि बेहिसाब पैसों के मालिक कई पायदान पर पैर पसारे हुए हैं। इसके साथ कानपूर के ही पियूष जैन के घर हुई ईडी की छापेमारी ने पूरे देश को यह सोचने पर विवश कर दिया है कि क्या ऐसे भी लोग हो सकते हैं, जो घर पर 170 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति छुपा सकते हैं। और अखिलेश यादव चाहे यह साफ कर चुके हों कि पियूष जैन का समाजवादी पार्टी से कोई नाता नहीं है, किन्तु भाजपा और अन्य राजनीतिक दल इसे जरूर जन-सभाओं में भुनाने में जुटेंगे।
अब कौन कितना खर्च करेगा और कितने नोट, वोट के लिए खर्च जाएंगे यह चर्चा का विषय है, किन्तु यह कब थमेगा और इसके लिए निर्वाचन आयोग कब बदलाव लाएगा यह उन सभी के लिए इंतजार का विषय है जो भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देख रहे हैं।
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