By: मनोज पाठक
बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने मतदाताओं में अपनी पैठ बनाने को लेकर मुद्दों की तलाश शुरू कर दी है। चुनाव के पहले ही राजनीतिक दलों के पैंतरों से इस बात की पूरी संभावना जताई जा रही है कि इस चुनाव में सुशांत की मौत का मामला चुनावी मैदान में राजनीतिक दलों का 'हथियार' बनेगा।
दीगर बात है कि सभी राजनीतिक दल इसे हालांकि चुनावी या राजनीतिक मुद्दा मानने से इनकार कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ द्वारा बजाप्ता स्टिकर और पोस्टर वितरित कर सुशांत के लिए न्याय की मांग की जा रही है। सुशांत की तस्वीर वाले स्टिकर में 'जस्टिस फॉर सुशांत' लिखा हुआ है तथा 'ना भूले हैं, ना भूलने देंगें' लिखा हुआ है। इस स्टिकर में भाजपा का चुनाव चिह्न भी अंकित है।
भाजपा कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ हालांकि मानता है कि सुशांत उनके लिए राजनीतिक मामला ना कभी था और और ना ही आज है। अभिनेता की मौत के बाद से न्याय की मांग को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। प्रकोष्ठ के संयोजक वरूण कुमार सिंह कहते हैं, "25,000 कार स्टिकर छपवाए गए हैं और जुलाई से इसे कई जिलों में वितरित किया जा रहा है। इसके अलावे मास्क भी वितरित किए गए हैं। जून, जुलाई से ही यह अभियान चल रहा है।" उन्होंने कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा कहना ही गलत है। उन्होंने कहा कि यह मात्र संयोग है कि विधानसभा चुनाव होने वाला है। उन्होंने कहा कि हम लोग प्रारंभ से ही सुशांत के लिए न्याय की मांग को लेकर अभियान चला रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, सांसद रामृकपाल यादव ने सुशांत की मौत के बाद उनके पटना स्थित आवास जाकर उनके पिता से मुलाकात की थी।
बिहार के कई इलाकों में लगे हैं सुशांत के लिए न्याय की मांग करने वाले पोस्टर। (Twitter)
इधर, राजद के नेता तेजस्वी यादव भी बॉलीवुड अभिनेता सुशांत की मौत को लेकर कहते रहे हैं कि राजद ने इस मामले को लेकर सबसे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की मांग की थी। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं मानते हैं, हालांकि उन्होंने भाजपा पर इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव पहले नेता हैं जो सुशांत के घर पहुंचे और उनके लिए न्याय की मांग की, लेकिन सरकार इस मामले को सीबीआई की जांच की अनुशंसा करने में 44 दिनों की देर कर दी।
इधर, भाजपा की सहयोगी पार्टी जद (यू) के नेता भी इस मामले को राजनीति मुद्दा नहीं मानते हैं। जदयू के नेता और राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि आज जो भी लोग सुशांत के लिए न्याय की मांग को उठा रहे हैें, उसे राजनीति से जेाड़ना कहीं से ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने इस मामले को लेकर प्रारंभ से ही विधिसम्मत कार्रवाई के तहत सुशांत के परिजनों को न्याय दिलाने का काम किया है।
उल्लेखनीय है कि पटना के रहने वाले बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का शव उनके मुंबई स्थित फ्लैट में 14 जून को बरामद किया गया था। इस मामले में सुशांत के पिता द्वारा पटना के राजीव नगर थाने में एक मामला दर्ज कराए जाने के बाद मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर बिहार सरकार ने अनुशंसा की थी। फि लहाल इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। (आईएएनएस)