88 प्रश्नों ने डूबा दिए अदानी ग्रुप के 72 बिलियन डॉलर, 413 पन्नों की सफाई का नहीं पड़ा खास असर(Wikimedia Commons)

 

अदानी ग्रुप

व्यापार

88 प्रश्नों ने डूबा दिए अदानी ग्रुप के 72 बिलियन डॉलर, 413 पन्नों की सफाई का नहीं पड़ा खास असर

लगातार गिरते शेयर से अदानी ग्रुप भारी नुकसान में है। पिछले कुछ दिनों में अदानी को 72 बिलियन डॉलर्स(58000करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ है।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Vishakha Singh

न्यूज़ग्राम हिंदी: Hindenburg ने 24 जनवरी को जारी किए अपने 106 पन्ने की रिपोर्ट में जो सवाल पूछे उसका अदानी ग्रुप(Adani Group) पर बहुत बुरा असर पड़ा है। लगातार गिरते शेयर से अदानी ग्रुप भारी नुकसान में है। पिछले कुछ दिनों में अदानी को 72 बिलियन डॉलर्स(58000करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ है।

आपको बता दें कि 24 जनवरी को हिंडेनबर्ग कंपनी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट, अदानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज़ पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री' में अदानी के ऊपर जो आरोप लगे हैं उससे अदानी ग्रुप पर बहुत बुरा असर हुआ है। इस रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में अदानी ग्रुप ने 413 पन्नों की सफाई भी दी है जिसमें कंपनी द्वारा लगाए गए सभी इल्जामों को गलत साबित किया गया है। स्वयं अदानी ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि यह देश के विरोध में प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। इसमें लिखे गए सभी इल्ज़ाम बेबुनियाद और झूठे हैं। अदानी ने यह भी कहा कि कंपनी के लगाए आरोप के कारण जो शेयर में नुकसान आ रहे हैं उससे सीधा फायदा विदेशी कंपनियों को हो रहा है। यह सब भारत में विदेशी व्यापार फैलाने की साजिश है और राष्ट्रवाद के खिलाफ है।

88 प्रश्नों ने डूबा दिए अदानी ग्रुप के 72 बिलियन डॉलर, 413 पन्नों की सफाई का नहीं पड़ा खास असर(Wikimedia Commons)

पिछले मंगलवार से रिपोर्ट पेश होने के बाद अदानी के सभी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली है। इसमें शामिल अदानी एंटरप्राइजेज, अंबुजा सीमेंट, अदानी टोटल गैस, अदानी ग्रीन एनर्जी और एनडीटीवी के शेयर्स में भी भारी गिरावट आई है। इसके चलते कंपनी को 58000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कंपनी के इस हालत का असर बैंक ऑफ बड़ौदा और एलआईसी के शेयर पर भी देखने को मिला है। अदानी ग्रुप का एफपीओ भी जारी होचुका है जिससे वह 200 अरब रुपए जुटाने की कोशिश करेगी।

स्मार्टकर्मा कंपनी के विश्लेषक का कहना है कि अदानी द्वारा दी गई प्रतिक्रिया इस नुकसान को भरने के लिए काफी नहीं है। वहीं सोमवार  को भी हिंडेनबर्ग अपने आरोपों पर कायम रही।

डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिजली के बढ़े हुए बिलों के मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 70 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी

कभी रहे खास मित्र, अब लड़ रहे केजरीवाल के खिलाफ चुनाव। कौन हैं मुनीश रायज़ादा?

नई दिल्ली विधानसभा (AC - 40) से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे डा मुनीश रायज़ादा

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।